Sim Card : आज के वक़्त में मोबाइल फोन इंसान की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. मोबाइल फोन हमारा ऐसा साथी है जिसके ज़रिए से हम हज़ारों मील की दूरी पर बैठे अपनों से पल भर में बात कर सकते हैं, उन्हें देख सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे वक़्त गुज़रता गया तकनीक में भी कई बदलाव होने लगे. मोबाइल से लेकर सिम के साइज़ तक में बदलाव किया गया. अगर हम मोबाइल सिम कार्ड की बात करें तो पहले सामान्य सिम आते थे जो आयताकार होते हैं. इसके बाद सिम के साइज़ में थोड़ी तब्दीली की गई. सामान्य सिम के एक किनारे को काट दिया गया. हैरानी की बात यह है कि ज़्यादातर लोगों को यह नहीं मालूम था कि आख़िर सिम में कट क्यों लगाया जाता है? 


सिम कार्ड में क्यों लगाया जाता है कट


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आपके मन में एक सवाल अब ज़रूर उठ रहा होगा कि जब सिम कार्ड चौकोर आते थे तो बाद में इसमें कट लगाने की नौबत क्यों आई? दरअसल चौकोर सिम कार्ड की वजह से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था, क्योंकि लोगों को सिम कार्ड लगाने का तरीक़ा समझ में नहीं आता था.  सही तरीक़ा मालूम नहीं होने की वजह से लोग सिम को उल्टा लगा देते थे. जिसके कारण सिम काम नहीं करती थी. ऐसा करने पर कई बार सिम कार्ड ख़राब हो जाती थी. सिम को उल्टा लगाने की वजह से वो फंस जाती थी. इस परेशानी का हल ढूंढने के लिए कंपनियों ने सिम के आकार में बदलाव करने की स्कीम बनाई. बदलाव के बाद ऐसी सिम बनाई गई जिसके एक किनारे पर कट लगा हुआ होता था, ताकि लोगों को मालूम हो जाए कि सिम को कैसे लगाना है.


कारगर साबित हुआ यह बदलाव


ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए कंपनियों ने सिम के एक हिस्से पर कट लगाकर बनाना करना शुरू किया. सिम के आकार में तब्दीली के कारण कंपनियों को मोबाइल में लगाई जाने वाली सिम ट्रे को भी बदलना पड़ा. लोगों के लिए सिम ट्रे में बने आकार में सिम को फिट करना आसान हो गया. इस बदलाव के बाद चिप ख़राब होने के मामले भी बंद हो गए और लोगों को अपनी परेशानी का हल भी मिल गया.


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