देहरादूनः उत्तराखंड में बेटी की हत्या से गमगीन अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) की मां सोनी देवी ने सोमवार को, जो कहा वह किसी भी सभ्य कहे जाने वाले समाज के लिए शर्म से डूब जाने वाली बात है. अंकिता की मां ने कहा कि उनके साथ कितनी नाइंसाफी की गई, एक तो उनकी बेटी की हत्या की गई और एक मां को अंतिम समय में अपनी बेटी का मुंह तक नहीं देखने दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘रात को आखिर अंतिम संस्कार करने की क्या जरूरत थी? जब इतना रुक गए थे तो एक दिन और रुक जाते. सबसे बड़ा गुनाह तो सरकार ने यह किया कि मुझे अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देखने दिया.’’ 

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सरकार ने जबरन अंतिम संस्कार कर दिया
पौड़ी जिले के श्रीनगर से 23 किलोमीटर दूर श्रीकोट गांव में पीड़ित परिवार को दिलासा देने आए लोगों की मौजूदगी में अंकिता की मां ने कहा कि एक मां के साथ सबसे बड़ा अन्याय तो यही है कि वह अंतिम समय में अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाई. सोनी देवी ने बताया कि बेटी की मौत के गम में बेहोशी की हाल  अस्पताल में रखा गया था. बेटी के अंतिम संस्कार की बात उन्हें तब पता चली जब उन्हें घाट पर चलने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि वह पहले से मांग कर रही थीं कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक अंतिम संस्कार न किया जाए, लेकिन सरकार ने जबरन जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया.


मुझे अब अपने बेटे की चिंता 
सोनी देवी ने बेटी की हत्या के मुल्जिमों के लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें अब अपने बेटे की सुरक्षा की  चिंता है, क्योंकि आरोपी बेहद रसूखदार लोग हैं. सोनी देवी ने कहा, ‘‘ मुल्जिमों को इस दुनिया में जिंदा रहने का हक नहीं है, और जघन्य अपराध करने वालों को जिंदा जला दिया जाना चाहिए.’’ 
गौरतलब है कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर स्थित वनतारा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता भंडारी की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश की चीला नहर में फेंककर हत्या कर दी थी. अंकिता का शनिवार को चीला नहर से शव बरामद किया गया था, और इतवार की शाम अलकनंदा के तट पर श्रीनगर में उसका अंतिम संस्कार किया गया था.


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