World Aids day: एड्स एक खतरनाक बीमारी है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है. हर साल 1 दिसंबर को लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. एड्स  HIV वायरस से इन्फेक्शन की वजह से होता है. इस बीमारी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिसके वजह से आप  बिमारियों से बचाव नहीं कर पाते है. इस बीमारी से जुड़े टैबू को दूर करने के लिए वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. 

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क्यों मनाया जाता है एड्स डे  
लोगों में एड्स के बारे में जानकारी देने के लिए वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. एड्स को लेकर हमारे समाज में कई मिथक हैं, जिनके बारे में लोगों को काफी कम जानकारी है. एड्स कैसे फैलता है. इससे बचाव के तरीके, इसके टेस्ट, इससे जुड़े मिथक आदि के बारे में इस दिन जानकारी देने की कोशिश की जाती है.  यहां तक की लोगों में एचआईवी पॉजिटिव लोगों को लेकर भी कई गलत अवधारणाएं होती हैं. इस दिन उन्हें भी दूर करने की कोशिश की जाती है. 

इस साल की थीम
हर साल वर्ल्ड एड्स डे 1 दिसंबर को मनाया जाता है. इस साल इसकी थीम  लेट कम्यूनिटीज लीड (Let Communities Lead)है.  एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव के तरीकों से लोगों को जागरूक करने के लिए ये थीम रखी गई है. साथ ही अब तक समाज में  दिए योगदान की सरहाना करने के लिए ये थीम हैं.  

2030 तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा
UN ने पिछले दिनों संक्रिमत की संख्या की रिपोर्ट जारी की थी. जिसकी हेडलाइन बनी थी, कि साल 2030 के आखिर तक एड्स को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है. लेकिन यह तभी पोसिब्ल है, जब एड्स के खात्मे के लिए काम कर रहें संस्थाएं, जिन्हें मान्यता नहीं मिली है, और जो फंड की कमी से जूझ रहे हैं, उन्हें जल्द जरूरी मदद पहुंचाई जाए.