World Red Cross Day 2023: वर्ल्ड रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट दिवस 8 मई को रेड क्रॉस के फाउंडर और रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) हेनरी डुनांट की जयंती मनाने के लिए मनाया जाता है. उनकी पैदाइश 8 मई 1828 को जिनेवा में हुई थी और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. वर्ल्ड रेड क्रॉस का मकसद असहाय और जख्मी फौजियो और नागरिकों की मदद करना है. ये दिन इंटरनेशनल रेड क्रॉस (International Red Cross Day) और रेड क्रीसेंट आंदोलन के सिद्धांतों के बारे में लोगों को जागरूक करने और दुनियाभर में उनके द्वारा किए गए कामों का जश्न मनाने के लिए एक मंच के तौर पर काम करता है.


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हर साल अलग होती है थीम
नोबल शांति एवार्ड विजेता हेनरी ड्यूनेन्ट (Henry Dunant) ने इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC) की स्थापना की थी. 8 मई, 1828 को हेनरी का जन्म हुआ था. इसलिए उनके जन्मदिन के मौके पर उनके नजरिए को दुनिया भर में फैलाने के मकसद से इस दिन को रेड क्रॉस डे के तौर पर मनाया जाता है. बता दें कि वर्ल्ड रेड क्रॉस सोसाइटी खाने की कमी, कुदरती आपदाओं, जंग और महामारियों के दौरान आम लोगों की मदद करने के लिए जानी जाती है. इस दिन को खास बनाने के लिए हर साल इसकी एक थीम पहले से ही तय कर ली जाती है. वर्ल्ड रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट डे इंसानियत के लिए एक त्योहार के तौर पर सेलिब्रेड किया जाता है. इस साल इस त्योहार को समाज में बड़ी तब्दीली के तौर पर देखते हुए Everything we do comes #fromtheheart (हम जो कुछ भी करते हैं वह #दिल से आता है) थीम को चुना गया है. 


 



संगठन के कामों का सम्मान करना है मकसद
वर्ल्ड रेड क्रॉस डे का मकसद आलमी सतह पर रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट मूवमेंट द्वारा किए गए कामों का सम्मान करना है. विश्व रेड क्रॉस दिवस मुसीबत के वक्त में इंसानियत, हमदर्दी और एकजुटता के महत्व की याद दिलाता है. ये इंसानियत के तौर पर लोगों की मदद करने और दुनियाभर में मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने में रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट मूवमेंट द्वारा किए गए कामों पर रोशनी डालता है. इस मौके पर अलग-अलग तरह के प्रोग्राम किये जाते हैं. 


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