पहलवानों की खेल मंत्री से 6 घंटे चली बातचीत, 15 जून तक नहीं होगा कोई प्रदर्शन
जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत के बाद अपना धरना खत्म कर दिया है. उन्होंने महिला पहलवानों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाने की बात कही है.
एक महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद सरकार ने उनकी अधिकांश मांगों पर सहमति जताई है. लगभग छह घंटे से अधिक चली इस बैठक के बाद ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों के आरोपों पर WFI के निवर्तमान अध्यक्ष बृजमोहन शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जायेगा और तब तक खिलाड़ी अपना प्रदर्शन स्थगित करने पर सहमत हैं.
अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?
बैठक के बाद ठाकुर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बहुत अच्छे वातावरण में सकारात्मक बातचीत बहुत संवेदनशील मुद्दे पर हुई है. लगभग छह घंटे चली इस बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उसमें पहलवानों के आरोपों की जांच करके 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल करने की मांग शामिल है.’’
बृज भूषण की गिरफ्तारी पर कुछ नहीं कहा
ठकुर ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की खिलाड़ियों की मुख्य मांग पर फिलहाल कुछ नहीं कहा गया. एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों के यौन उत्पीडन के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने खेलमंत्री ठाकुर के न्योते पर आज उनके आवास पर उनसे मुलाकात की. विनेश फोगाट इस बैठक में शामिल नहीं हुई.
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शिकायत समिति बनाई जाए
अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘बैठक में सभी फैसले आपसी सहमति से लिये गए. खिलाड़ियों ने जो सुझाव रखे उनमें भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव 30 जून तक कराये जाने की मांग शामिल है. इसके अलावा बृजभूषण शरण सिंह और उनसे संबंधित लोग महासंघ में चुनकर न आएं.’’ ठाकुर ने आगे कहा,‘‘इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि WFI की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाये और उसकी अध्यक्षता कोई महिला करे.’’
महिला खिलाड़ियों को मिले सुरक्षा
ठाकुर ने कहा, ‘‘जब तक WFI के चुनाव नहीं होते, तब तक आईओए की तदर्थ समिति में दो कोचों के नाम प्रस्तावित किये गए है ताकि तकनीकी दिक्कतें नहीं आये.’’ खेलमंत्री ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों की यह भी मांग थी कि महिला खिलाड़ी या बाकी खिलाड़ियो को आवश्यकतानुसार सुरक्षा मिले. जिन खिलाड़ियों या अखाड़ों या कोचों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए हैं, उन मुकदमों को वापिस लिया जाए.’’
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