WFI Crisis: खेल मंत्रालय की तरफ से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने के मद्देनजर, अध्यक्ष संजय सिंह ने युवा एथलीटों के प्रभाव पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने इस मामले को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उठाने का इरादा किया है.


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संजय सिंह ने कहा, "हम केंद्र सरकार से बात करेंगे, हम पीएम मोदी और खेल मंत्री से बात करेंगे. बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है."


यह निलंबन WFI के नए पदाधिकारियों के चुनाव के ठीक तीन दिन बाद हुआ. खेल मंत्रालय ने निलंबन का ऐलान करते हुए अपने आदेश में प्रक्रियात्मक विसंगतियों और महासंघ के संविधान के पालन में कमी की ओर इशारा किया.


गौरतलब है कि मंत्रालय का फैसला पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त सूचना दिए बिना, उत्तर प्रदेश के गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के WFI के त्वरित शेड्यूल से प्रभावित था.


संजय सिंह ने आयोजनों के लिए गोंडा की पसंद का बचाव करते हुए दावा किया कि इसमें "कुश्ती की कुछ बेहतरीन सुविधाएं" हैं, और कहा कि ट्रायल आयोजित करने का निर्णय समय बचाने के लिए किया गया था.


महासंघ के निर्णयों को प्रभावित करने वाले पारिवारिक संबंधों के आरोपों का जवाब देते हुए, सिंह ने साफ किया, "वह (बृज भूषण शरण सिंह) और मैं अलग-अलग समुदायों से हैं; फिर हम रिश्तेदार कैसे हो सकते हैं? जब वह महासंघ के अध्यक्ष थे, मैं संयुक्त सचिव था. हां, उस वक्त हमारे बीच एक बंधन और दोस्ती थी."


उन्होंने निलंबन के बाद WFI से खुद को अलग करने वाले बृज भूषण को संबोधित करते हुए कहा, "जब नया महासंघ बना था, तो उन्हें बाहर कर दिया गया था और आज उन्होंने कहा कि उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है, साक्षी मलिक भी संन्यास ले चुकी हैं. तो अब दोनों महासंघ को शांतिपूर्वक चलने देना चाहिए.”


खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को निलंबन अवधि के दौरान WFI के मामलों के प्रबंधन के लिए एक तदर्थ पैनल बनाने का निर्देश दिया है.


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