नई दिल्ली: देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है, लेकिन कौन होगा देश का अगला राष्ट्रपति इस पर सबकी नजर बनी हुई है. वहीं, सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ-साथ विपक्षी दलों की तरफ से किसी उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है. ऐसे में अब उम्मीद लगाई जा रही है कि यशवंत सिन्हा विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति के कैंडिडेट हो सकते हैं.


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आज दिल्ली में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चुनाव के लिए विपक्ष की बैठक होने वाली है. इस बैठक में यशवंत सिन्हा भी भाग लेने वाले हैं. मीटिंग में शामिल होने से पहले यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया, 'टीएमसी में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिया, उसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं. अब एक समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना होगा. मुझे यकीन है कि वह इस कदम को स्वीकार करती हैं.'



ये नेता कर चुके हैं इंकार
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के इनकार के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं की गुजारिश को खारिज कर दिया है.


टीएमसी में यशवंत सिन्हा के नाम पर बनी सहमति
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी यशवंत सिन्हा का नाम पेश कर सकती है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस मामले पर चर्चा करने के बाद सिन्हा के प्रस्ताव पर सहमति जताई है. वहीं इस मामले को लेकर चर्चा के दौरान सिन्हा के ट्वीट ने उसे विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के तौर पर स्थापित किया है.


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गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियों की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर होने वाली बैठक अध्यक्षता आज पवार करेंगे, जिसमें करीब 17 पार्टियों के शामिल होने का इमकान जताया जा रहा है.


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