Jaun Elia Death Anniversary: `ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता, एक ही शख़्स था जहान में क्या`
Jaun Elia Death Anniversary: उर्दू शायरी के चंद बेहतरीन शायरों में शुमार किए जाने वाले जौन एलिया की आज डेथ एनिवर्सरी है. इस मौके पर हम आपको उनके कुछ बेहतरीन शेर पढ़वाने जा रहे हैं.
Jaun Elia: जौन एलिया, उर्दू शायरी के चमनिस्तान का एक ऐसा फूल जिसकी खुशबू आज भी अदबी महफिलों से लबरेज़ रहती है. बल्कि यूं कहिए कि जब यह फूल अपनी शाख पर था तब इसकी खुशबू को इतनी पहचान ना मिल सकी, लेकिन बाद मरने के उनकी गज़लों को वो दवाम बख्शा जा रहा है जो उनको सबसे मुनफरिद शायरों की फहरिस्त में लाकर खड़ा कर देता है. उनकी शायरी बहुत आसान है, नए जमाने को नस्ल जिसका उर्दू से बहुत कम वास्ता है, वो भी उनके शरों को बाआसानी दिल-ओ-दिमाग़ में उतार लेती है. शायद यही वजह है कि उनको सोशल मीडिया के जमाने में ज्यादा शोहरत मिली है.
जौन एलिया की शायरी जब पढ़ते हैं तो वो एक नाराज़ शायर लगते थे. जौन एलिया हमेशा मिसाली जिंदगी की तलाश में रहे लेकिन हकीकत में यह दुनिया तो मक्कारी और नुमाइश से भरी पड़ी है. शायद यही वजह है कि जौन एलिया की शायरी में जमाने से नाराज़गी, झुंझलाहट और गुस्सा भरा पड़ा है. शायह इसीलिए वो कहते हैं कि
हम को यारों ने याद भी न रखा
'जौन' यारों के यार थे हम तो
नहीं दुनिया को जब पर्वा हमारी
तो फिर दुनिया की पर्वा क्यूँ करें हम
मैं अब हर शख़्स से उक्ता चुका हूँ
फ़क़त कुछ दोस्त हैं और दोस्त भी क्या
वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत
अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम
जौन एलिया आज के दौर की नौजवान नस्ल के लिए अपनी शायरी की शक्ल वो बेशकीमती खज़ाना छोड़ गए हैं, जिसकी कहीं कोई मिसाल नहीं मिलती. जौन, बावफा और बेवफा दोनों के लिए कुछ इस तरह की शायरी लिखकर गए हैं जिसका तसव्वुर दौरे हाज़िर के किसी शायर से करना बहुत मुश्किल है. जौन कहते हैं कि
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या
बहुत नज़दीक आती जा रही हो
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं
और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
क्या सितम है कि अब तिरी सूरत
ग़ौर करने पे याद आती है
किस लिए देखती हो आईना
तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो
सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर
अब किसे रात भर जगाती है
अब मिरी कोई ज़िंदगी ही नहीं
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या
मुझ को आदत है रूठ जाने की
आप मुझ को मना लिया कीजे
आज मुझ को बहुत बुरा कह कर
आप ने नाम तो लिया मेरा