BJP का पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन से विपक्षी पार्टियों में बढ़ी हलचल!

Oct 17, 2022, 20:20 PM IST

Lucknow: बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के बैनर तले लखनऊ के क्राइस्ट चर्च कॉलेज में पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन का आयोजन हुआ। यूपी में नगर निकाय चुनाव से पहले इस सम्मेलन को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। बीजेपी के इस पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन ने सियासी गलियारों में भी हलचल बढ़ा दी है। लखनऊ में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन के माध्यम से पिछले मुसलमानों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से लखनऊ में पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल हुए उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत मादरे वतन हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों से की इस दौरान उन्होंने बीजेपी से जुड़े अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को अब तक सियासत के तहत गुमराह करने का काम किया है बृजेश पाठक ने यूपी की सियासत में मुसलमानों की भागीदारी को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अब तक राजनीतिक दलों ने मुसलमानों का हाल तेज पत्ते जैसा बना रखा था. उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि बिरियानी तो खाली जाती है. लेकिन तेजपत्ता निकाल कर फेंक दिया जाता है उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए उनसे तमाम वादे जो किए गए लेकिन उनको पूरा न करके मुसलमानों को गुमराह करने का काम किया गया है. बृजेश पाठक ने दावा करते हुए कहा कि लाखों मुसलमानों को निशुल्क मकान देकर पीएम मोदी ने साबित कर दिया है कि सबका साथ और सबका विकास हुआ है. पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन में योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद ने अल्पसंख्यकों के हितों की बात करते हुए कहा कि मोदी और योगी सरकार अल्पसंख्यकों के हितों का ख़्याल रखती है क्योंकि हमारी पार्टी का नारा सबका साथ सबका विकास और सब के विश्वास का है उन्होंने कहा कि दूसरे वर्गों की तरह पसमांदा मुस्लिम भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें. इस दौरान मंत्री दानिश आजाद ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर हमारी पार्टी का कोई कार्यकर्ता कोई भाई बंधु नगर निकाय चुनाव में इलेक्शन लड़ने का इच्छुक होगा तो हमारी पार्टी गंभीरता से उस पर विचार करेगी और टिकट देगी मुसलमानों का वोट अपनी झोली में लाने के लिए देश के कई राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश के मुसलमानों पर भी सियासी पार्टियों की निगाहें टिकी होती हैं। ऐसे में बीजेपी ने भी पसमांदा मुस्लिम पर फोकस करना शुरू कर दिया है. क्योंकि मुसलमानों में 85 फ़ीसदी आबादी पसमांदा मुसलमानों की मानी जाती है. सियासी जानकारों की माने तो में सपा बसपा और कांग्रेस को बड़ा झटका देने के लिए बीजेपी ने पसमांदा मुस्लिम की ओर अपना रुख किया है. एक भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पसमांदा मुस्लिमों को लेकर अपना बयान दे चुके हैं. लंबे वक्त से सपा बसपा और कांग्रेस का पसमांदा मुस्लिम बड़ा वोट बैंक रहा है, लेकिन इस सम्मेलन के बाद माना जा रहा है कि अब बीजेपी ने इन पार्टियों के वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति तय कर ली है. लेकिन देखना यह दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनाव में बीजेपी मुसलमानों को टिकट बंटवारे में कितनी हिस्सेदारी देगी और पसमांदा मुसलमान कितना भरोसा बीजेपी पर कर पाएंगे.

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