Hajj Ek Farz: कौन है गिलाफ-ए-काबा का खत्तात ?
Jun 23, 2022, 16:05 PM IST
Hajj Ek Farz: आज आपको बताते हैं कि ग़िलाफ़े काबा किस्वा के ख़त्तात के बारे में बताते हैं. मुख़्तार आलम ग़िलाफ़े किस्वाह के सरकारी ख़त्तात हैं. मुख़्तार आलम ने 1978 में मस्जिद उल हराम के ख़त्ताती स्कूल में दाख़िला लिया था और दो बरस तक इस इदारे में ज़ेरे तरबीयत थे. उनके एक उस्ताद ने उनका नाम किस्वाह फ़ैक्ट्री में खत्तात के तैर पर तजवीज़ किया था और फिर 2003 से इस फ़ैक्ट्री में अपनी ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं. अहम बात ये है कि ग़िलाफ़े काबा के लिए हर बरस क़ुरानी आयात की नए सिरे से ख़्त्ताती नहीं की जाती है बल्कि इसके सांचे तैयार कर रखे हैं. इन सांचों की तैयारी के मुख़्तलिफ़ मराहिल होते हैं. सबसे पहले क़ुरानी आयात का मतन काग़ज़ के किसी टुकड़े पर हाथ से लिखा जाता है, फिर उन्हें एक ग्राफ़िक आर्टिस्ट कम्प्यूटर निज़ाम में शामिल करता है. फिर कम्प्यूटर से इस मतन का एक साफ़ काग़ज़ पर प्रिंट लिया जाता है और इसको सांचे की तैयारी में इस्तेमाल किया जाता है. फिर सांचे को कशीदाकारी के शौबे में भेज दिया जाता है. जहां हुनर मंद कशीदाकार धागों की मदद से किस्वाह को सीते हैं और क़ुरानी अलफ़ाज़ को नुमायां करते हैं.