Khooni Rishte: आख़िर क्या हुआ था 1 जून 2001 को जिसने बदल दिया नेपाल का इतिहास?
मो0 अल्ताफ अली Mon, 03 Oct 2022-3:33 pm,
Khooni Rishte: ये कहानी नहीं दिल दहला देने वाली हक़ीक़त है. राज परिवार की शव यात्रा..सड़कों पर शोक में डूबे लोगों का हुजूम. सिर मुंडवा कर आंसूओं का सैलाब लिए लोग ज़ारो क़त्तार रो रहे थे. साउथ एशिया के एक छोटे से मुल्क नेपाल पर जब पूरी दुनिया की निगाहें मरकूज़ थीं. तारीख़ 1 जून 2001 जिसे कहा जाता है. नेपाल का ब्लैक डे यानि काला दिन कहा जाता है. 1 जून 2001 को नेपाल में ऐसा क्या हुआ था. आज बात एक ऐसी तारीख़ जिसने बदल दिया नेपाल का इतिहास नेपाल के शाही परिवार में एक शाही पार्टी में एक के बाद एक क़त्ल ने नेपाल ही नहीं पूरी दुनिया को दहला दिया था. नेपाल की तारीख़ में 1 जून को लोग Black Day के तौर पर जानते हैं. नेपाल के नारायणहिती पैलेस में एक पार्टी रखी गई थी. हर नेपाली महीने के तीसरे शुक्रवार को पार्टी होती थी और इस पार्टी की शुरुआत महाराजा बीरेंद्र ने 1972 में राजगद्दी सँभालने के बाद की थी. प्रिंस दीपेंद्र शाम 6.45 मिनट पर ही पैलेस पहुंच चुके थे, और पास के ही एक कमरे में बिलियर्डस खेल रहे थे. रॉयल फैमिली की आमद भी जारी थी. महारानी एश्वर्या अपनी तीन ननद के साथ पार्टी में पहुंचीं महाराजा वीरेंद्र किसी इंटरव्यू के सबब थोड़ी ताख़ीर से पहुंचे थे. प्रिंस दीपेंद्र के चचेरे भाई राजकुमार पारस भी अपनी मां और बीवी के साथ पहुंचे. इस बीच लोगों ने देखा कि दीपेंद्र जैसे अचानक नशे में आ गए हों. उनकी ज़ुबान लड़खड़ाने लगी और उन्हें खड़े होने में दिक्कत होने लगी. मिनटों में वो नीचे गिर गए. इससे पहले कि महाराज बीरेंद्र बगल वाले कमरे से बिलियर्स रूम में पहुँचते पारस, राजकुमार निराजन और डॉक्टर राजीव शाही ने भारी भरकम दीपेंद्र को उनके हाथ और पैरों को पकड़ते हुए उठाया और उनके शयनकक्ष में ले जा कर उन्हें ज़मीन पर बिछे गद्दे पर लिटा दिया. उन्होंने शयन कक्ष की बत्तियाँ बुझाईं और वापस पार्टी में लौट आए. आगे कहानी में क्या होता है जानने के लिए देखें पूरी वीडियो....