38 साल पहले भोपाल के लोगों को जिंदगी भर का दर्द देने वाले को नहीं हुई कोई सज़ा!
Sun, 04 Dec 2022-12:01 pm,
Bhopal Gas Tragedy: 38 साल पहले भोपाल में उस रात लाशों के ढेर, लाशें ढोने वाली गाड़ियों की कमी और कफ़न की क़िल्लत, उस रात का वो ख़तरनाक मंज़र, आज भी भोपाल के लोगों को चैन से सोने नहीं देता है. जब हज़ारों लोग आधी रात को नींद की आग़ोश में थे. इसी दौरान एक केमीकल फ़ैक्ट्री से गेल लीकेज ने ना जाने कितने परिवार उजाड़ दिए. कई हज़ार लोग उस नींद से कभी ना जाग पाए. जी हां हम बात कर रहे हैं, भोपाल गैस त्रासदी की (Bhopal Gas Tragedy) जिसने कुछ ही घंटों में हज़ारों लोगों की जान ले ली. वैसे तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ 3 हज़ार मौत हुई थीं, लेकिन चश्मदीद बताते हैं कि तक़रीबन 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान गई थी. हज़ारों जानवरों और परिंदों को निगल लिया इतनी ही नहीं, जो इस दुनिया में पैदा भी नहीं हुआ था, उसके लिए भी क़हर बन गया. भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) 38 साल पहले 2-3 दिसंबर 1984 की वो रात, जब यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हो गई. चारों जानिब भगदड़ मच गई. फैक्ट्री के आसपास के इलाके में लाशें बिछ गईं. चारों ओर लाशें ही लाशें थीं, जिन्हें ढोने के लिए गाड़ियां कम पड़ गईं. चीखें इतनी कि लोगों को आपस में बातें करना मुश्किल हो रहा था. धुंध इतनी कि एक दूसरे को पहचानना मुश्किल था इस हादसे को भले ही 38 साल गुज़र गए हों लेकिन दर्द आज भी ताजा है.