क्या है मुंबई के गोरेगांव का 1034 करोड़ का पत्रा चॉल ज़मीन घोटाला?
Mon, 01 Aug 2022-2:14 pm,
What is the 1034 crore Patra Chawl land scam of Goregaon, Mumbai? aaz
मुंबई में टीन और एजबेस्टस के शीट्स से स्लम के घर बनाए जाते हैं. ऐसे घरों से बनी बस्तियों को पत्रा चॉल के नाम से जाना जाता है. चॉल और पत्राचॉल में फर्क यह है कि चॉल पक्के कमरों की बस्ती होती है, जिनमें इज़्तमाई (सामूहिक शौचालय) और वॉशरुम यानी स्नानघर होते हैं. लेकिन पत्राचॉल टीन के पत्तरों से बने घर होते हैं. इनमें रहने वाले लोग आर्थिक रूप से बेहद कमज़ोर तबके के होते हैं. वक़्त वक़्त पर सरकार इनके डेवलपमेंट के लिए योजनाएं लाती हैं. इन योजनाओं के तहत बिल्डर्स इन घरों में रहने वालों के लिए पक्के घर बनाकर महाराष्ट्र गृहनिर्माण और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) जैसी सरकारी संस्थाओं को सौंपते हैं. बस्तियों में रहने वालों को जब बिल्डिंगें बनाकर घर दे दिए जाते हैं, तो बची हुई जमीनों पर बिल्डिंगें बना कर बिल्डर्स उनके फ्लैट्स और दुकानें बाजार भाव में बेचते हैं. इसी से वे लागत और मुनाफा निकालते हैं. इस तरह की योजनाएं अगर सही तरह से पूरी हों तो गरीबों को घर मिल जाता है, सरकार को फंड जुटाने की समस्या नहीं होती और बिल्डरों को मुंबई में करोड़ों रुपए की वैल्यू वाली खाली ज़मीनें मिल जाती हैं. तो अब जानते हैं मुंबई के गोरेगांव का पत्रा चॉल घोटाला कैसे हुआ?