GHI 2022: ग्लोबल हंगर इंडेक्स मापने का पैमाना क्या होता है?
Global Hunger Index 2022: ग्लोबल हंगर इंडेक्स ( Global Hunger Index) में भारत की रैंकिंग में लगातार दूसरे साल गिरावट दर्ज की गई है. 2022 की लिस्ट में भारत को 107वीं रैंक मिली है. जबकि पिछले साल भारत 101 नंबर पर था. इस लिस्ट में कुल 121 देश शामिल हैं. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है. कि इस लिस्ट में पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल हमसे बेहतर स्थिति में हैं, जिसमें पाकिस्तान की रैंकिंग 99, बांग्लादेश की 84, नेपाल की 81 और श्रीलंका की 64 है. सिर्फ अफगानिस्तान ही 109वीं रैंक के साथ, भारत से पीछे है. बीते दो सालों में भारत की पोज़िशन में 13 अंकों की गिरावट आई है. तो ऐसे में सवाल ये है कि, आख़िर इस गिरावट की वजह क्या है.और ग्लोबल हंगर इंडेक्स मापने का पैमाना क्या होता है? दरअसल ग्लोबल हंगर इंडेक्स बताता है कि, किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति क्या है. लिहाज़ा दुनियाभर के अलग-अलग देशों में 4 पैमानों का आंकलन कर इंडेक्स को तैयार किया जाता है. GHI जिन चार चीजों से भूख को नापती है वो हैं- अल्पपोषण, चाइल्ड स्टंटिंग, चाइल्ड वेस्टिंग और चाइल्ड मॉर्टेलिटी, हालांकि इन चारों पैमानों से भूख नहीं नापी जा सकती. बल्कि इन चारों से सिर्फ सेहत की स्थिति पता लगाया जा सकता है. तो ऐसे में इसे हंगर इंडेक्स का नाम देना सही नहीं होगा. GHI में जो डेटा प्रतिशत में शामिल किया जाता है. लोग उसे सामान्य आबादी के बीच भूखे लोगों की संख्या से जोड़ लेते हैं. जो कि गलत है, और यही वजह है कि GHI स्कोर पर भारत सरकार ने ऐतराज़ जताया है. और ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को नकार दिया है.