Tower of Silence: क्या है `टावर ऑफ साइलेंस` जहां होता है पारसी समुदाय का अंतिम संस्कार!
शबनम हसन Wed, 07 Sep 2022-10:13 am,
What is Tower of Silence: टाटा संस के पूर्व चेयरमेन सायरस मिस्त्री की दो दिन पहले सड़क हादसे में मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सायरस क्योंकि पारसी समुदाय से थे. आज हम आपको बताते है की आखिर पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार किस तरह से किया जाता है. पारसी समुदाय मे अंतिम संस्कार का तरीका बिलकुल अलग है. वह ना तो हिंदुओं की तरह शव को जलाते हैं और ना ही ईसाई और मुस्लिम समुदाय की तरह शव को दफनाते हैं. जब भी पार्सी समुदाय में किसी की मौत हो जाती है तो उनके शव को 'टावर ऑफ साइलेंस' के ऊपर रख दिया जाता है. जहां शव को गिंद्ध और दूसरे परिंदे खा जाते हैं. कई जानकारों की माने तो पारसी समुदाय में शव को जलाना या दफ्न करना खराब माना जाता है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मरने के बाद शव को अशुद्ध मानते हैं. समुदाय का मानना होता है कि शव को आग से जलाने पर अग्नि तत्व अपवित्र हो जाते हैं या फिर उसे दफनाने से जमीन दूषित हो जाती है. इसके अलावा वह शव को नदी में भी नहीं बहाते हैं. इस से पानी खराब होने का खतरा होता है. अब आप सोच रहे होंगे की आखिर 'टावर ऑफ साइलेंस' क्या है?. टावर ऑफ साइलेंस वह जगह है जहां मरने के बाद पारसी समुदाय के शवों को ले जाया जाता है. इस टावर को आसान भाषा में दखमा भी कहा जाता है. यह देखने में गोलाकार आकार का होता है. जिस पर शव को धूप की रोशनी में रख दिया जाता है. लेकिन जैसे-जैसे गिद्ध कम होते जा रहे हैं वैसे-वैसे अब इस समुदाय को अंतिम संस्कार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पारसी समुदाय गिद्ध की घटती आबादी से परेशान हैं. गिद्ध लाश को तेजी से खाते हैं लेकिन इनकी कमी के कारण लाश काफी वक्त तक खराब होती रहती है. ऐसे में अब कुछ पारसी समुदाय के लोगों ने हिंदू रीति रिवाजों से अंतिम संस्कार करने लगे हैं.