Night Club: नाइट क्लब के अंदर आमतौर पर आपने हिंदी, पंजाबी और इंग्लिश गाने बजते हुए देखे होंगे. लेकिन क्या आप जानते है दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां के नाठ क्लब में लोग संस्कृत गानों पर डांस करते हैं. शायद आपको यह बात थोड़ी अजीब लग रही होगी लेकिन यह हकीकत है. मुकम्मल तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप की भाषा होने के बावजूद भारत में संस्कृत गानों का प्रचलन बहुत कम है लेकिन विदेश में संस्कृत गानों पर डांस की बात वाकई हैरान कर देने वाली है. 


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दरअसल अर्जेंटीना की राजधानी क्लब ब्यूनस आयर्स में ऐसा देखने को मिलता है. यहां पर लोग संस्कृत गानों पर जमकर डांस करते हैं. यहां के डीजे पर सालसा, सांबा या रेगेटन की बजाए संस्कृत गीत गूंजते हैं. अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में ग्रोव नाम का एक नाइट क्लब है. यहां गणेश शरणम, गोविंदा-गोविंदा, जय-जय राधा रमन हरि बोल और जय कृष्ण हरे जैसे गाने बजाए जाते हैं और इन गानों पर लोगों को झूमते देखा जा सकता है.


अर्जेंटीना में स्थित यह नाइट क्लब कई और मामलों में बेहद दिलचस्प और अजीब है. इस नाइट क्लब की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां पर एक साथ तकरीबन 800 लोग दाखिल हो सकते हैं. इसके अलावा हैरानी की बात यह भी है कि यहां पर ना तो शराब चलती है और ना लोग धूम्रपान करते हैं. एक वेबासइट के मुताबिक भारतीय राजनयिक विश्वनाथन ने 2012 में यहां का दौरा किया था तब उन्होंने बताया था कि इस नाइट क्लब में न तो शराब और न ही लोग धूम्रपान करते नजर आते हैं. यहां पर ड्रग्स, मांस-मछली जैसी चीजों पर भी पूरी पाबंदी है. यहां सिर्फ पीने का पानी, फ्रूट जूस और शाकाहारी खाना ही मिलता है. 


क्लब में संगीत और डांस के साथ-साथ दर्शक संस्कृत मंत्रों और भारतीय देवताओं के प्रति सम्मान और भावना बनाए रखते हैं. वातावरण स्पष्ट रूप से आध्यात्मिक है और आत्मा के उत्थान के लिए अनुकूल है. इस नाइट क्लब में गाने वाले रोड्रिगो का कहना है कि मंत्र, योग, ध्यान, संगीत और डांस के ज़रिए शरीर का आत्मा से कनेक्शन बनता है. 


नोट- अब यह नाइट क्लब बंद हो चुका है. जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान यह क्लब बंद हो गया था, हालांकि अब इस क्लब को एक रिजॉर्ट में तब्दील कर दिया गया है.


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