Air India Urination Case: पिछले दिनों एयर इंडिया की फ्लाइट में एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने का शर्मनाक मामला सामने आया था. शंकर मिश्रा नाम के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अदालत में पेश किया कर उसकी रिमांड हासिल की थी. अदालत ने 7 जनवरी को मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. जिसके बाद बुधवार को एक बार फिर अदालत में पेश हुए आरोपी ने अपने वकील के ज़रिए कहा कि पैंट की ज़िप खोलना सेक्स की ख्वाहिश नहीं थी और ना ही इस हरकत की वजह से शख्स को 'कामुक' कहा जा सकता. 


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शंकर मिश्रा की तरफ से अदालत में केस लड़ रहे वकील मनु शर्मा ने कहा कि वह अपने पेशाब पर कंट्रोल नहीं रख सका लेकिन पेंट की जिप खोलना सेक्स करने की ख्वाहिश नहीं था. वकील ने आगे कहा कि शंकर मिश्रा की हरकतें, भले ही अश्लील हों लेकिन पीड़िता का यौन उत्पीड़न करने का इरादा नहीं था.


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पटियाला हाउस कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग, जिन्होंने पहले फैसला महफूज़ रखा था, ने बुधवार को मिश्रा की जमानत अर्ज़ी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शिकायतकर्ता पर खुद को राहत देने का आरोपी का पेशाब करना नफरतभरा था और यह हरकरत एक महिला की मयार्दा को ठेस पहुंचाने के लिए काफी है.


अदालत ने कहा- जैसा कि मिश्रा सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस दिए जाने के बाद भी जांच में शामिल नहीं हुए, उनका व्यवहार किसी भी विश्वास को प्रेरित नहीं करता. आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि मिश्रा ने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी करने की जरूरत पर सवाल उठाते हुए एयर इंडिया के ज़रिए जांच प्रक्रिया से भागने की कोई कोशिश नहीं की.


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