मलप्पुरमः केरल में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा सड़क निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई में कईं पक्षियों की मौत हो गई थी. इस घटना के कुछ दिनों बाद, वन विभाग की सामाजिक वानिकी शाखा ने राजमार्गों पर उन पेड़ों की निशानदेही करने के लिए एक सर्वे शुरू किया जिनमें पक्षियों के घोंसले हैं. इन पेड़ों की कटाई के नतीजे में कईं पक्षियों के मारे जाने का एक वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई शुरू की गई है. 

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तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है 
मुख्य वन संरक्षक (पलक्कड) के. विजयानंद ने बताया कि पेड़ों की कटाई पिछले 31 अगस्त को मलप्पुरम जिले में राजमार्ग के किनारे थिरुरंगडी के पास वीके पाडी में हुई थी. विजयानंद ने कहा, ’’इस सिलसिले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.’’ वन विभाग के अफसरों ने कटाई करने व पेड़ को गिराने वाले औज़ारों को जब्त कर लिया है. उन्होंने कहा, ’’सामाजिक वानिकी शाखा ने राजमार्गों पर पेड़ों की पहचान करना और उनकी निशानदेही करने का काम शुरू कर दिया है, जिन्हें पक्षियों के घोंसले और बसने के लिए बनाए रखने की जरूरत है.’’ 

23 पक्षियों की हुई थी मौत 
वन विभाग को मौके से 23 मरी हुई पक्षी और उनके चूजे मिले हैं. वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा, ’’कुछ चूजों के पंख अभी विकसित भी नहीं हुए थे. कुछ घायल हो गए थे. इसलिए, जीवित चूजों को इलाज के लिए एक पशु चिकित्सा केंद्र में भेज दिया गया है.’’ वन विभाग ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पांच सितंबर को एनएचएआई के अफसरों के साथ बैठक बुलाई है. वन विभाग ने कहा कि उन्होंने पेड़ों की कटाई के लिए इजाजत नहीं दी थी. सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास ने एनएचएआई से रिपोर्ट तलब कर दिया है.


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