Cyber Thug: साइबर ठगों की खबरें आप अक्सर पढ़ते आ रहे होंगे. जिनमें कुछ आपके पास फोन करते हैं, ओटीपी पूछते हैं और फिर आपके अकाउंट से पैसा उड़ा लेते हैं. ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ होता है जो थोड़ा कम पढ़े लिखे या इस तरह की चीजों से दूर रहते हैं. लेकिन यहां तो एक जज की पत्नी के साथ ही लाखों की हेरफेर हो गई. जज की पत्नी अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने के चक्कर में 13 लाख रुपयों से हाथ धो बैठी.


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उन्होंने अपनी FIR में बताया है कि वह अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना चाहती थी, जिसके लिए उसने इंटरनेट पर अपने निजी बैंक का हेल्पलाइन नंबर तलाश किया. जब उसने नंबर डायल किया, तो बैंक कस्टमर केयर तौर पर एक जालसाज ने उसे अपनी क्रेडिट सीमा बढ़ाने के लिए 15,000 रुपये एक बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा. साथ ही उन्हें यह भी यकीन दिलाया कि यह रकम 25 नवंबर को वापस कर दी जाएगी.


उन्होंने आगे बताया कि जब उसे रिफंड नहीं मिला तो उसने दोबारा नंबर पर फोन किया. जालसाज ने उसे एक लिंक भेजा और एक फॉर्म भरने को कहा, जिसमें उसके बैंक खाते के बारे में जरूरी जानकारियां मांगी गई थी. उन्होंने कहा, मुझे मेरा पैसा वापस नहीं मिला और 28 नवंबर को मेरे बैंक खाते से कर्ज के तौर पर 13 लाख रुपये लिए गए.


इस मामले में इंस्पेक्टर, साइबर सेल, रणजीत सिंह ने कहा कि पहली नजर में यह मामला जालसाज ने उनके फोन का रिमोट-कंट्रोल एक्सेस कर लिया, जिससे उसके खाते की जानकारी हासिल की. और कर्ज लिया गया. उन्होंने कहा, हमने FIR दर्ज कर ली है. जालसाजों के ठिकाने का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.


सिंह ने आगे कहा कि जालसाज अपना नंबर गूगल पर कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर होने का दावा कर रहे थे. वे कॉल करने वालों से एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं, जिसके बाद वे कस्टमर के फोन को हैक कर लेते हैं. वहीं, हैक होने के बाद कस्टमर का बैंक खाते की जरूरी जानकारी और ओटीपी हैकर तक पहुंच जाता है. अफसरों ने आगे बताया, "किसी भी हालत में फोन या ई-मेल पर किसी के साथ कार्ड नंबर, सीवीवी, एटीएम पिन, बैंकिंग पासवर्ड और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जैसे बैंक से जुड़ी जानकारी शेयर न करें.


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