Mohd Zubair Alt News पत्रकार मोहम्मद जुबैर को सोमवार की रात दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है. जुबैर पर यह कार्रवाई 2018 के एक मामले में हुई है. जुबैर पर पुलिस ने धारा 153A और धारा 295A के तहत कार्रवाई की है. कुछ लोगों का दावा है कि जुबैर हीन वो शख्स हैं जिन्होंने नूपुर शर्मा मामले को दुनियाभर के सामने रखा. इसके बाद से ही वो सुर्खियों में बने हुए थे. 


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Alt न्यूज के पत्रकार जुबैर इस समय कानून का सामना कर रहे हैं और इस बीच खबर यह मिल रही है कि अब उनका बैंक अकाउंट्स की छानबीन की जाएगी. फिलहाल यह जानकारी सामने आई है कि पिछले 3 महीनों में जुबैर के खाते में 50 लाख रुपये आए हैं. पत्रकार के खाते में आई इस रकम की जांच कर रही है और ट्रांजेक्शन की जाएगी.  जुबैर पर आरोप है कि उन्होंने एक तस्वीर के ज़रिए देवी देवताओं का अपमान और हिंदुओं की भावनाएं आहत की थीं. इब इस सिलसिले में बड़ी खबर यह सामने आ रही है कि जुबैर के वकील ने अदालत से कहा कि पुलिस जिस तस्वीर के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा रही है, वह दरअसल एक पुरानी हिंदी फिल्म की है.


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जुबैर की हिमायत में अपोज़ीशन नेता
जुबैर की गिरफ्तारी के फौरन बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ी मुहिम छिड़ गई लोगों ने सरकार और पुलिस से तमाम तरह के सवाल पूछने शुरू कर दिए. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि जुबैर को सच बोलने की सजा दी रही है. उनकी हिमायत AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जैसे नेता आवाज़ उठा रहे हैं. 


नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल आजाद क्यों?
सोशल मीडिया पर जुबैर की हिमायत में लोगों ने मुहिम छेड़ी हुई है. लोग उन्हें रिहा करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही यह भी सवाल कर रहे हैं कि पिछले दिनों पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर विवादित बयान देने वाली नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को आज़ाद क्यों छोड़ा हुआ है? क्यों उन्होंने कोई कुसूर नहीं किया? क्या उन्होंने अपने बयानों से मुसलमानों की भावनाओं आहत नहीं कीं? बल्कि उनके बयानों की वजह से देशभर में माहौल खराब हो गया था और अन्य मुस्लिम देशों में भी उनके खिलाफ आवाज़ उठने लगी थी. तो इन दोनों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जा रहा है. अगर वो बेकुसूर थे तो भाजपा ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला. 


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