130Km सफर तय कर पढ़ाने जाती हैं 94 वर्षीय शांतम्मा, घर दान में देकर रहती हैं किराये पर
Viral News: सोशल मीडिया पर एक 95 वर्ष की अम्मा की कहानी खूब वायरल हो रही है. जो इस उम्र में 130 किलोमीटर सफर तय करने के बाद रोज पढ़ाने जाती हैं.
तकरीबन 60 बरस की उम्र तक पहुंचने के आस-पास ही लोगों को सेहत से जुड़ी कई परेशानियां होने लगती हैं. 60 तो ज्यादा हो गया बल्कि उससे पहले ही घुटने, कमर के अलावा कई तरह के दर्द परेशान करने लगते हैं. लेकिन 95 बरस की एक अम्मा हम सब लोगों के लिए मिसाल बनकर आई हैं. दरअसल वो 95 साल की उम्र में छात्रों को पढ़ा रही हैं. अम्मा का नाम है शांतम्मा.
कौन हैं प्रोफेसर शांतम्मा
शांतम्मा एक 95 साल की महिला प्रोफेसर हैं. शांतम्मा विजयनगरम में मौजूद सेंचुरियन यूनिवर्सिटी में पढ़ातीं हैं. यहां प्रोफेसर शांतम्मा मेडिकल फिजिक्स, रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया जैसे सब्जेक्ट्स पढ़ातीं हैं. शांतम्मा 1947 में आंध्र यूनिवर्सिटी में लैक्चरार बनीं और तब से ही शांतम्मा यहां अपनी खिदमत अंजाम दे रही हैं. प्रोफ़ेसर शांतम्मा हर रोज़ आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से विजयनगरम यूनिवर्सिटी के बच्चों को पढ़ाने जाती हैं.
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बैसाखी के सहारे 130 कि.मी का सफर करती हैं
यहां यह भी बता दें कि ऐसा भी नहीं है कि शांतम्मा को सेहत से जुड़ी समस्याएं नहीं हैं. उनके दोनों घुटनों का ऑपरेशन हो चुका है. वह बैसाखी के सहारे चलती हैं. रोज़ाना 130 किलोमीटर का सफर तय कर यूनिवर्सिटी पढ़ाने आती है. 60 साल की उम्र में वो रिटायर हो गईं लेकिन अभी भी उनके पढ़ाने के जुनून ने हार नहीं मानी है. फिलहाल वो सेंचुरियन यूनिवर्सिटी में बीएससी के छात्रों को जियामट्री ऑप्टिक्स और फिजिकल ऑप्टिक्स पढ़ा रही हैं.
अपना घर दान कर किराए के घर में रहती हैं
शांतम्मा ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में रहती हैं . उन्होंने अपना घर एक मेडिकल ट्रस्ट को दान कर दिया है. वह अब खुद किराए के घर में रहती है. प्रोफ़ेसर शांतम्मा का जज़्बा हम सभी के लिए एक सीख है. इनका जज़्बा सिर्फ फिज़िक्स ही नहीं बल्कि ज़िंदगी का सबक भी पढ़ाता हैं.
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