Women Jeans Pocket: हम रोज मर्रा की जिंदगी में कई ऐसे काम करते हैं, जिनके बारे में अगर फुर्सत से सोचें तो उनके जवाब नहीं मिलते, कि आखिर हम ये क्यों कर रहे हैं. इसके अलावा कई ऐसी चीजें भी होती हैं जो बहुत आम होती हैं लेकिन जब उनके बारे में सोचते हैं तो सच में हैरानी होती है कि आखिर ये खयाल पहले क्यों नहीं आया. आज एक ऐसा ही बात हम आपको बताने जा रहे हैं. दरअसल जब आप पुरुषों और महिलाओं की जींस पैंट देखते हैं तो आपको बहुत सारी ऐसी चीजें देखने को मिलेंगी जो अलग-अलग हैं. इनमें ज्यादातर चीजें शारीरिक बनावट की वजह से होती हैं. 


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लेकिन क्या कभी आपके मन में यह सवाल आया है कि आखिर पुरुषों और महिलाओं की जींस की पैंट की जेब (Pocket) में भारी फर्क होता है. पुरुषों की पॉकेट बड़ी तो महिलाओं की पॉकेट छोटी होती है? आखिर ऐसा क्यों होता है, क्या आपके मन में यह सवाल कभी आया है?  शायद नहीं आया होगा. लेकिन आज हम इस सवाल का जवाब देंगे. इस सवाल का जवाब फैशन मशहूर फैशन डिजाइनर एमिली केलर ने दिया है. हालांकि एमिलि केलर के अलावा हर शख्स के अलग जवाब भी हो सकते हैं. 


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10-11 वर्षों से भी ज्यादा वक्त से फैशन इंडस्ट्री में काम कर रही हैं एमिली ने मुख्य रूप से इस सवाल के तीन जवाब दिए हैं. Quora पर अपना जवाब देते हुए एमिली ने खुलासा किया कि इसके पीछे वजहे हैं. एमिली का पहला जवाब है कि यह सस्ती होती है, असली जेब में ज्यादा खर्च आएगा इसलिए छोटी जेब लगाई जाती है. साथ ही उन्होंने बताया कि तेजी के साथ बदले फैशन की वजह से क्वॉलिटी पर खास ध्यान रखने की कोई वजह नहीं बनती. अगर आप जेब खत्म ही कर देते हैं तो कंपनियों को ज्यादा फायदा मिलेगा. 


इसके अलावा डिज़ाइनर का कहना है कि महिलाओं की जींस आजकल शरीर से बिल्कुल चिपकी हुई होती है. ऐसे में अगर महिलाओं की जेब लंबी बनाई जाती है तो फिर वो लोगों को नजर आएगी. ऐसे में अगर महिलाएं जेब में कुछ रखे हुए होंगी तो वो चीजें उनकी जांघों पर नजर आएंगी. डिज़ाइनर आगे कहती हैं कि ज्यादातर महिलाओं की जीन्स फ़ैब्रिक में लाइक्रा स्ट्रेच की कुछ मात्रा के साथ बनाई जाती हैं. अगर रियल जेबों (बड़ी जेबों) का इस्तेमाल किया जा जाए तो फिर जेब में अंदर की तरफ सिलवटें पड़ जाएंगी.


इस दौरान एमिली ने सभी फैशन डिज़ाइनर्स का बचाव करते हुए कहा कि फैशन डिजाइनर को दोष मत दो, क्योंकि यह शायद उनकी गलती नहीं है. हम अपना काम करते हैं, और विचारशील वस्त्र डिजाइन करते हैं. लेकिन असल में जो बात सामने आती है वह है बजट. हम सिर्फ इतना ही कर सकते हैं.


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