MP News: महिला ने बच्चों को किया भीख मांगने के लिए मजबूर; इतने दिन में कमाए ढाई लाख
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में पुलिस ने एक महिला भिखारी को गिरफ्तार किया है. महिला ने अपने बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर किया. बच्चों ने 45 दिन में ढाई लाख रुपये कमा लिए.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक 40 साल की औरत ने अपने बच्चों से जबरदस्ती भीख मंगवाई. औरत ने भीख से 45 दिनों में ढाई लाख रुपये कमा लिए हैं. भीख मांगने वालों में औरत की 8 साल की बेटी और उसके दो बेटे सामिल हैं. एक गैर सरकारी संगठन ने दावा किया है औरत के पास राजस्थान में जमीन और दो मंजिला घर है.
बच्चों जबरन मंगवाया भीख
संगठन के मुताबिक औरत भीख मांगने वाले 150 लोगों के गिरोह में शामिल है. 'प्रवेश' संस्था की अध्यक्ष रूपाली जैन ने कहा "इंद्रा बाई नाम की महिला को हाल ही में इंदौर-उज्जैन रोड पर लव-कुश चौराहे पर भीख मांगते हुए पाया गया था. हमें उसके पास से 19,200 रुपये की नकदी मिली." संगठन के मुताबिक पांच बच्चों की मां ने अपनी आठ साल की बेटी समेत अपने तीन बच्चों को शहर की सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर किया था.
ढाई लाख रुपये कमाए
जैन ने कहा कि लड़की को बाल कल्याण समिति की देखरेख में रखा गया था, लेकिन महिला के नौ और 10 साल के बेटे उनकी टीम को देखकर भाग गए, जैन ने कहा कि उनके बाकी बच्चे राजस्थान में थे. इंद्रा ने बताया कि उसने पिछले 45 दिनों में भीख से 2.5 लाख रुपये कमाए, जिसमें से उसने 1 लाख रुपये अपने ससुराल वालों को भेजे, 50,000 रुपए बैंक खाते में जमा किए और 50,000 रुपये सावधि जमा योजनाओं (FD) में निवेश किए.
हिरासत में भिखारी
जैन के मुताबिक महिला के परिवार के पास राजस्थान में जमीन और दो मंजिला घर भी है. पुलिस के मुताबिक "इंद्रा के पति ने उसके नाम पर एक मोटरसाइकिल खरीदी थी और दंपति दोपहिया वाहन पर शहर में घूमते थे." पकड़े जाने के बाद, इंद्रा ने कथित तौर पर एक महिला एनजीओ कार्यकर्ता के साथ विवाद किया था, और उसे बाणगंगा के उप-निरीक्षक ईश्वरचंद्र राठौड़ ने गिरफ्तार किया.
बच्चों को बचाया गया
पुलिस के मुताबिक महिला को सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इंदौर समेत 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. इंदौर के जिला मजिस्ट्रेट आशीष सिंह ने कहा, "हमने शहर में भीख मांगने के लिए मजबूर बच्चों को बचाने का लक्ष्य रखा है. अब तक 10 बच्चों को बचाया गया है और सरकार की तरफ से संचालित बाल गृह में भेजा गया है. बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करने वाले गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.