Top Countries for Women: सड़कों पर चलने से लेकर नौकरी में प्रमोशन तक, विभिन्न देशों में महिलाओं को जीवन में छोटी-बड़ी समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, जहां एक देश में महिलाएं अपने मूल अधिकारों से वंचित हैं, वहीं कई देशों में वे पुरुषों से आगे हैं. दुनिया के कई देशों में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. जैसे-जैसे हम यूरोप में उत्तर की तरफ बढ़ते हैं तो देखते हैं कि महिलाओं का व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन बेहतर और ज्यादा आरामदायक पाया जाता है.


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ज्यादा नौकरियां, उच्च स्तर की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं और निश्चित रूप से लैंगिक राजनीतिक संरचना इन देशों की खासियतें हैं. नॉर्डिक/स्कैंडिनेवियाई क्षेत्र के पांच देश महिलाओं के रहने के लिए दुनिया के सबसे अच्छे देशों में से हैं.


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1. आइसलैंड
महिलाओं की जिंदगी के लिए दुनिया के 23 सबसे बेहतरीन देशों की लिस्ट में आइसलैंड सबसे ऊपर है. नॉर्डिक देश अपनी कामकाजी उम्र की 88 फीसद से ज्यादा महिलाओं को रोजगार देता है, जबकि इसकी 65 प्रतिशत छात्र आबादी भी महिला है. सितंबर 2021 में देश की संसद में 47.6 फीसदी महिला प्रतिनिधि थीं. हकीकत में, देश अहम तौर पर महिला संसद वाले इतिहास में पहला यूरोपीय देश होने के बहुत करीब आ गया है. 42 साल पहले 1980 में आइसलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बना था जिसके पास महिला राष्ट्रपति थी.


2. नॉर्वे
नारीवाद की पहली लहर नॉर्वे में 1840 के दहाई में शुरू हुई थी और तब से ऐसी कई लहरें आई हैं जिन्होंने इस स्कैंडिनेवियाई देश में महिलाओं के अधिकारों को महफूज़ किया है. गर्भपात को वैध बनाने वाला देश का पहला कानून 1964 में पारित किया गया था और 1978 में गर्भपात अधिनियम के लिए फ्री एंट्री पारित किया गया था.


3. फिनलैंड
1906 में महिलाओं को वोट देने का हक देने वाला फिनलैंड यूरोप का पहला देश था और देश भर में अहम पदों पर कई महिलाएं हैं. फिनलैंड में महिलाओं की जिंदगी तकरीबन उम्र 84.62 साल है जबकि पुरुषों के लिए यह 79.03 वर्ष है. इसके अलावा फ़िनलैंड की वर्तमान प्रधानमंत्री भी एक महिला हैं जिन्होंने 34 साल की उम्र में पद संभाला था.


4. डेनमार्क
डेनमार्क की महिलाओं ने 1915 में डेनमार्क में वोट देने का अधिकार जीता था और देश अपने समतावादी समाज के लिए जाना जाता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को उनके मतभेदों के बावजूद सफल होने की अनुमति देता है.


5. स्वीडन
स्वीडन लंबे समय से महिलाओं के अधिकारों का चैंपियन रहा है और उसने लैंगिक भेदभाव के खिलाफ कानून बनाए हैं. 2018 से स्वीडिश लैंगिक समानता एजेंसी सभी इलाकों में लैंगिक पूर्वाग्रह के उन्मूलन को यकीनी करने के लिए जिम्मेदार है.


वहीं इस लिस्ट में भारत की बात करें तो भारत का स्थान 49वें पायदान पर है. भारत को इस लिस्ट में 82.34 स्कोर प्राप्त हुआ है. अपने पड़ोंसी मुल्कों की तरफ देखें तो पाकिस्तान 145 और अफगानिस्तान 149वें स्थान पर है. 


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