नई दिल्ली: सिखों की बहादुरी की कई कहानियां आपने सुनी होंगी. यहां तक कि बॉलीवुड ने इनकी बहादुरी संबंधित कई फ्लिमें बनाई हैं. दिल्‍ली में चल रहे किसान आंदोलन में अब निहंग सिख (Nihang Sikh) भी शामिल हो गए हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर 'निहंग सिख' कौन होते हैं और निहंग का मतलब क्या होता है. तो आज हम आपको इस खबर में "निहंग" से संबंधित आपके लगभग हर सवाल का जवाब देंगे.


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निहंग शब्द का क्या मतलब है?
दरअसल निहंग शब्द के कई मतलब (Nihang Meaning) होते हैं, जैसे तलवार, मगरमच्छ और कलम. निहंग लफ्ज को मुकम्मल जंगजू (योद्धा) के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. माना यह भी जाता है कि निहंग लफ्ज़ संस्कृत के नि:शंक से आया है, जिसका मतलब है कि वो जिसे किसी बात की शंका या खौफ न हो. एख खबर के मुताबिक निहंग शब्द का इस्तेमाल सिखों के सबसे पवित्र ग्रंथ श्री गुरुग्रंथ साहिब में आता है. 


हमेशा अपना पास रखते हैं हथियार
कहीं ना कहीं आपने देखा होगा कि नीले रंग के कपड़े पहने रहते हैं साथ ही पगड़ी भी रहती है, इसके अलावा उनके पास हथियार भी मौजूद होता हैन. निहंगों के पास हाथ में पहना जाने वाला कड़ा,  पगड़ी के चारों ओर एक चक्र, तलवार या कृपाण, भाले और हाथ में छोटा खंजर जैसे हथियार होते हैं. सभी निहंग शस्त्र विधा में पारंगत होते हैं.


इंसानियत और मज़हब की करते हैं हिफाज़त
इंसानियत और मज़हब का पालन करते हुए इन्‍हें मार्शल आर्ट समेत जंग की बाकी कौशल कला की तालीम दी जाती है. निहंग सिख हर रोज़ गुरबानी का पाठ करते हैं. साथ ही ये श्री दसम ग्रंथ साहिब और सरब लोह ग्रंथ में यकीन रखते हैं. आम सिखों के विपरीत, निहंगों की पहचान उनके नीले कपड़ों से होती है, नीला बलिदान का प्रतीक है, वे अपने सिर पर लगभग एक फुट ऊंची पगड़ी पहनते हैं. सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह ने जब खालसा पंथ की स्थापना की, उसी के साथ ही निहंगों की भी शुरुआत हुई.


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