पानी पीने का तरीका

हमने अक्सर लोगों को खड़े होकर पानी पीते देखा है, लेकिन हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें बैठकर पानी पीने की सलाह देते हैं. लेकिन बैठकर पानी पीना क्यों जरूरी है? आइए जानते हैं.

तरल पदार्थ

डॉक्टरों के मुताबिक, खड़े होकर पानी पीने से नसों में तनाव होता है, जिससे तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ जाता है और विषाक्त पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है.

पाचन पर असर

अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण पानी बड़ी ताकत और तेजी के साथ भोजन नली से होते हुए सीधे पेट के निचले हिस्से में गिरता है, इससे पाचन खराब हो जाता है.

जोड़ों का दर्द

डॉक्टरों का कहना है कि खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों में तरल पदार्थ जमा होने लगता है. इससे जोड़ों की दर्द की समस्या बढ़ सकती है. इससे गठिया भी हो सकती है.

लिवर को नुकसान

जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो इसके पोषक तत्व और विटामिन आपके लीवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुंच पाते हैं. जो कि आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह है.

दिल पर असर

खड़े होकर पानी पीने से यह आपके सिस्टम से बहुत तेजी से गुजरता है, जिससे आपके फेफड़ों और दिल को भी खतरा हो सकता है. खड़े होकर पानी पीने से ऑक्सीजन लेवल बिगड़ने लगता है.

गुर्दे पर असर

जब हम बैठते हैं तो हमारी किडनी बेहतर काम करती है. ऐसे में जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो तरल पदार्थ बिना किसी फिल्टरेशन के उच्च दबाव के कारण पेट के निचले हिस्से में चला जाता है.

अशुद्धियां

इससे पानी में मौजूद अशुद्धियाँ मूत्राशय में जमा हो जाती हैं और किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं. ऐसे में किडनी से जुड़ी कई बीमारियां होने का डर रहता है.

अस्वीकरण

ये जानकारियां डॉ0. नजीब से बातचीत के आधार पर लिखी गई हैं. अगर आपको किसी भी तरह की कोई बीमारी है. तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से मिलें.

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