Majrooh Sultanpuri Poetry: ऐसे हंस-हंस के न देखा करो सब की जानिब...
Urdu Poetry in Hindi: रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे...
Hindi Poetry in Urdu: इस ही बुनियाद पर क्यूं न मिल जाएं हम, आप तन्हा...
Urdu Poetry in Hindi: मौत ही इंसान की दुश्मन नहीं, ज़िंदगी भी...