मोरिंगा पाउडर पौष्टिक तत्वों से भरपूर है. यह प्राकृतिक मल्टिविटामिन से भरपूर है. मोरिंगा पाउडर में दूध से 2-3 गुना ज्यादा कैल्शियम है.
खाने और कृषि के जानकार आलोक सिंह का कहना है कि मोरिंगा में विटामिन A,C और E, हैं. यही नहीं इसमें मिनिरल, कैल्शियम और आयरन भी है.
दूध में कैल्शियम और प्रोटीन होता है, लेकिन मोरिंगा में प्लांट बेज्ड आयरन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और जरूरी एमिनो एसिड होता है.
दूध की जगह मोरिंगा का इस्तेमाल करने से आपके बदन में वसा और प्रोटीन की कमी हो सकती है, जबतक कि इसे दूसरे खानों से पूरा न किया जाए.
मोरिंगा में मौजूद उच्च फाइबर सामग्री के अत्यधिक सेवन से पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है. दूध के मुकाबले इसका स्वाद भी अच्छा नहीं है.
शाकाहारी लोगों को मोरिंगा वह पोषक तत्व दे सकता है, जो आम पौधा आधारित खाना नहीं दे सकता, लेकिन इसमें दूध में पाए जाने वाले विटामिन बी 12 और डी की कमी होती है.
मोरिंगा को उगाना पर्यावरण के लिए अच्छा है. यह बहुत ही कम पानी सोखता है. पारंपरिक डेयरी फार्मिंग की तुलना में कम ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है.
इंडियन एक्सप्रेस ने एक्सपर्ट के हवाले से लिखा है कि इसके पोषण संबंधी फायदों और पर्यावरण के लिए फायदेमंद होने के बावजूद मोरिंगा के इस्तेमाल पर विचार करने की जरूरत है.