Indians Released From Libyan Jail: संसद सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने रविवार को कहा कि पिछले छह महीने से लीबिया में फंसे 17 भारतीय लोगों को त्रिपोली की जेल से रिहा करवाया गया है. लीबिया में फंसे 17 भारतीय लोगों को दिलकश नौकरियों के लिए इटली भेजने के बहाने पंजाब और दिल्ली के बेईमान ट्रैवल एजेंटों ने धोखा दिया था. साहनी ने एक बयान में कहा, ये सभी फरवरी में भारत से दुबई, फिर मिस्र होते हुए इटली के लिए रवाना हुए और कुछ दिनों बाद लीबिया में उतरे. उन्हें जुवारा शहर में रखा गया था, जहां उन्हें खाने और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से महरूम रखा जा रहा था. साथ ही उनका शारीरिक उत्पीड़न भी किया जा रहा था.


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एमपी विक्रमजीत सिंह साहनी की कोशिश रंग लाई
विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा जब उन्हें मई में उनके बारे में पता चला तो उन्होंने ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास से राब्ता किया और उन्हें बचाने के लिए कानूनी अमल शुरू किया. साहनी ने कहा, मेरा ऑफिस इन लड़कों और उनके परिवारों के साथ लगातार संपर्क में था. शुरुआत में हमारी चिंता का विषय उन्हें स्थानीय माफिया की कैद से बाहर निकालना था. उन्होंने कहा कि उन्हें एक सशस्त्र समूह ने एक निर्माणाधीन इमारत में रखा हुआ था, जहां से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. साहनी ने कहा,लीबियाई अधिकारियों ने उन्हें जेल से रिहा कर दिया और उनके सफर के दौरान जरूरी दस्तावेजों की व्यवस्था होने तक उन्हें त्रिपोली में रखा है.


 


सारा खर्च उठाएंगे साहनी
साहनी ने कहा कि वह अपने घर वापस आने वाले युवाओं के सभी कानूनी खर्चों और फ्लाइट की टिकटों का खर्चा उठाएंगे. भारत पहुंचने पर साहनी का कार्यालय उन्हें फ्री कौशल प्रदान करेगा और नौकरी के मौके प्रदान करेगा. बता दें कि बीते 6 माह से लीबिया में 17 भारतीय युवक फंसे हुए थे, जो कल त्रिपोली की जेल से रिहा हो गए. पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी कई माह से इन युवाओं की रिहाई और वतन वापसी के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे.


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