Abdul Rehman Makki: पाकिस्तान एक बार फिर इंटरनेशनल स्तर पर बेनकाब हुआ है. लश्कर के अमीर हाफिज सईद के साथ लंबे समय वक्त तक उनके करीबी के तौर पर काम करने वाले अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया है. एक जानकारी यह भी है कि अब्दुल मक्की लश्कर सरगना हाफिज़ सईद का साला है. मक्की को गोल्बल आतंकी करार देने का फैसला यूएनएससी आईएसआईएल और अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी ने किया है.


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जानकारी के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने मक्की पर 2 मिलियन डॉलर का इनाम रखा हुआ है. इसके अलावा वाशिंगटन और दिल्ली ने उसे घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी के तौर पर लिस्ट किया हुआ है. मक्की भारत में, खास तौर पर जम्मू और कश्मीर में हिंसा और हमलों के लिए युवाओं को धन जुटाने, भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने में शामिल रहता था. अब्दुल रहमान मक्की लश्कर ए तैयबा (LeT) यानी जमात उल दावा (JuD) का पॉलिटिकल विंग का मुखिया है. 


अब्दुल रहमान मक्की भारत में हुई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है. जम्मू-कश्मीर में हमले कराने के अलावा साल 2000 में लाल किला हमला और 2008 में रामपुर कैंप पर हुए हमले मक्की का नाम आ चुका है. पाकिस्तान खुद भी अब्दुल रहमान मक्की पर शिकंजा कस चुका है. उसने साल 2019 में FATF के दबाव में मक्की को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है. 


बता दें कि भारत और अमेरिका ने मक्की के लेकर एक साथ लड़ाई लड़ी है. जानकारी के मुताबिक भारत और अमेरिका ने एक जून 2022 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेरेरिस्ट ऐलान करने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन ने हमेशा की तरह अपनी ताकत का इस्तेमाल किया और भारत-अमेरिका की इस मांग पर अड़ंगा लगाता रहा. चीन ने 16 जून 2022 को अड़ंगा लगाया. 


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