Afghan Taliban: अफ़ग़ान तालिबान ने पाकिस्तान के सामने नई शर्त रखकर उसे मु्श्किल में डाल दिया है. उसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) दहशतदर्दाना ग्रुप का ख़र्चा उठाने और इसके सदस्यों को देशों की सीमा से स्थानांतरित करने की इच्छा ज़ाहिर की है. साथ ही ये मंशा भी ज़ाहिर की है कि इस्लामाबाद इस योजना के पूरे ख़र्चे की ज़िम्मेदारी उठाए. मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, पाकिस्तान में दहशतगर्दाना हमलों में इज़ाफ़ा और सुरक्षा के मामलों पर चर्चा करने के लिए 24 फरवरी को सेंट्रल एपेक्स कमेटी की मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी.


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शहबाज़ शरीफ़ की सदारत में हुई मीटिंग
मीटिंग की अगुवाई प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने की और इसमें मुख्यमंत्रियों, सीनियर कैबिनेट मंत्रियों, आर्मीचीफ़, डीजी आईएसआई और कई दूसरे सीनियर अधिकारियों ने शिरकत की. मीटिंग से परिचित ज़राए ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि प्रतिबंधित टीटीपी और सरहद पार इसकी पनाहगाहों का मामला एजेंडे के अहम मुद्दों में से एक था. डिफेंस मिनिस्टर ख़्वाजा आसिफ़ की सदारत में एक सीनियर डेलिगेशन ने इस हफ्ते पड़ोसी देश काबुल का दौरा किया ताकि टीटीपी की उपस्थिति के बारे में अफगान तालिबान के साथ सबूत शेयर किये जा सकें.


पाकिस्तान ने अभी नहीं दिया जवाब
ज़राए के मुताबिक़ सीनियर कमेटी को सूचित किया गया था कि अफगान अंतरिम सरकार ने प्रतिबंधित संगठन को कंट्रोल करने की योजना का प्रस्ताव दिया है. इस तजवीज़ में टीटीपी के जंगगुओं को निरस्त्र करने और देशों के सरहदी इलाक़ों से उनके स्थानांतरण की बात सामने आई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक़, हालांकि अफ़गान सरकार ने पाकिस्तान से प्रस्ताव को फंड देने और टीटीपी के बहाली के तमाम ख़र्च उठाने के लिए कहा है. बैठक में बताया गया कि अफ़गान तालिबान ने ईस्ट तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) पर अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए चीन को इसी तरह की तजवीज़ दी थी. हालांकि, पाकिस्तान ने अभी तक अफ़गान तालिबान की इस मांग का कोई जवाब नहीं दिया है. 


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