Farid Mamumdzay: भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फ़रीद मामुन्दज़ई ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के दमन को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि तालिबान अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करेगा.  तालिबान महिलाओं को शिक्षा और काम का अधिकार देगा.  उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में तालिबान द्वारा अफगान महिलाओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है, वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, विशेष रूप से एजुकेशन के मामले में ऐसा नहीं होना चाहिए. फ़रीद मामुन्दज़ई ने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाएं ने सफलता के कई कारनामे अंजाम दिए हैं.


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'महिलाओं से आज़ादी को छीन लेना दुखद'
राजदूत फ़रीद मामुन्दज़ई ने कहा कि वे पिछले 20 वर्षों में देश में सामाजिक-आर्थिक विकास का हिस्सा रही हैं. उनकी स्वतंत्रताओं को उनसे छीन लिया जाना वास्तव में दुखद है. उन्होंने अफसोस का इज़हार करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि तालिबान अपनी नीतियों पर दोबारा ग़ौर करेगा और अफगान लड़कियों, अफगान महिलाओं को शिक्षा और काम दोनों की अनुमति देगा. अफगान दूत ने न्यूज़ एजेंसी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अपने ख़्यालात का इज़हार किया.उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर कि जल्द हीअफगान लड़कियां स्कूलों में जाने लगेंगी.


तालिबान के निशाने पर मीडिया महिला कर्मचारी
बता दें कि तालिबान का एक नया फरमान सामने आया हैं. अपने नये फऱहान से तालिबान सरकार ने मीडिया को निशाने पर लिया है. उसने खुले शब्दों में मीडिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर महिला कर्मचारी दफ्तर में बुर्क़ा नहीं पहनती हैं और ऑफिस में जैंट्स साथियों से बात करती देखी गई तो वो चैनल पर पाबंदी लगा देंगे. तालिबान का नया फरमान कितना डराने वाला है यह तो समझ में आ ही रहा है.जब से तालिबान अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर क़ाबिज़ हुआ है उसका असली चेहरा किसी न किसी रूप में सामने आता रहता है. तालिबान महिलाओं का हमदर्द बनने का चाहें कितना ही राग न लाप लें, लेकिन हक़ीकत कुछ और ही है.


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