काबुलः अफगानिस्तान में कुछ नामालूम हथियारबंद बदमाशों ने एक पूर्व महिला सांसद मुर्सल नबीजादा की उनके घर  पर उनके एक बॉडीगार्ड सहित गोली मारकर हत्या कर दी. काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने इस हमले की तस्दीक की है. यह वारदात काबुल शहर के पुलिस जिला- 12 के पड़ोस में अहमद शाह बाबा मीना जगह पर हुई है, जहां अज्ञात बंदूकधारियों ने मुरसल नबीज़ादा के घर पर धावा बोल दिया. 
पुलिस के मुताबिक, यह घटना शनिवार की देर रात की है. बदमाशों ने पूर्व सांसद के घर पर ताबड़तोड़ हमला कर उनकी और उनके एक अंगरक्षक की हत्या कर दी. इस हमले में सांसद के एक भाई भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए. पुलिस के मुताबिक, अपराधियों की पहचान और जांच शुरू कर दी गई है.

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हमले की किसी ने नहीं ली है जिम्मेदारी 
हमले के बाद किसी भी संगठन या व्यक्ति ने पूर्व सांसद की हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है और न ही उनके परिवार के सदस्यों और न ही पुलिस ने किसी विशेष समूह को इस हत्या के लिए कसूरवार ठहराया है.

2019 में काबुल से चुनी गई थीं सांसद 
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना की वापसी के पहले अमेरिका समर्थित अब्दुल गनी की सरकार के दौरान नबीज़ादा ने अफगानिस्तानी संसद के वोलेसी जिरगा यानी निचले सदन के सदस्य के रूप में काम किया था. नबीज़ादा को 2019 में काबुल का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. वह संसदीय रक्षा आयोग की सदस्य थीं और एक निजी गैर सरकारी समूह, मानव संसाधन विकास और अनुसंधान संस्थान में काम करती थीं. उनकी मौत पर दुनियाभर के राज नेताओं ने अफसोस जताया है और इसके लिए तालिबान सरकार को कसूरवार ठहराया है.

दुनियाभर के राजनेताओं ने जताया अफसोस 
नबीज़ादा की मौत पर अफगानिस्तान की पूर्व पश्चिमी समर्थित सरकार में एक शीर्ष अधिकारी रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने अफसोस जताया है और कहा  कि वह नबीज़ादा की मौत से दुखी हैं. उन्होंने नबीज़ादा को लोगों का प्रतिनिधि और सेवक बताया है. पूर्व सांसद मरियम सोलेमानखिल ने ट्विटर पर कहा कि नबीज़ादा अफगानिस्तान के लिए निडर चैंपियन थीं. सोलेमानखिल ने कहा, अफगानिस्तान छोड़ने का मौका दिए जाने के बावजूद, उसने वहां रहने और अपने लोगों के लिए लड़ने का फैसला किया था. "यूरोपीय संसद के सदस्य हन्ना न्यूमैन ने ट्वीट कियाः “मैं दुखी और गुस्से में हूं, और चाहता हूं कि नबीजादा की मौत के बारे में दुनिया को पता चले. वह तालिबान सरकार के महिला विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ रही थीं.’’ 

जारी है हत्याओं का दौर 
तालिबान के सत्ता में वापसी के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पिछले कई महीनों से लगातार आतंकवादी हिंसा की भेंट चढ़ा हुआ है. पिछले बुधवार को भी विदेश मंत्रालय के बगल में हुए एक विस्फोट में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. 


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