तालिबानी शासन में कैसा है अफगानी मीडिया का हाल; क्या कहते हैं वहां के पत्रकार ?
तोलो न्यूज और कुछ वाचडॉग संगठनों की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबानी शासन के दौरान देश का मीडिया आर्थिक संकटों का सामना कर रहा है. कई मीडिया आउटलेट बंद हो चुके हैं और पत्रकार बेरोजगार हो गए हैं.
काबुलः दुनिया भर की सरकारें स्वतंत्र प्रेस की दुश्मन होती हैं और इसे अपने लिए एक खतरे के तौर पर देखती है. जब लोकतांत्रिक देशों की मीडिया सरकारी हस्तक्षेप, दबाव और संकट का सामना कर रही है, ऐसे में यह जानना बेहद दिलचस्प होगा कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के शासन में वहां के मीडिया ऑउटलेट्स का हाल कैसा है? इस वक्त अफगानिस्तान में 83 टीवी नेटवर्क, 213 रेडियो स्टेशन, 28 समाचार एजेंसियां और 20 प्रिंट मीडिया सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. लेकिन आर्थिक मुद्दों और सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से अफगानिस्तान में लगभग 225 मीडिया आउटलेट्स ने काम करना बंद कर दिया है.
10 मीडिया आउटलेट बंद कर दिए गए
पिछले साल 2022 में, अफगानिस्तान में कई स्थानीय मीडिया आउटलेट्स को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. टोलो न्यूज और वॉचडॉग संगठनों के मुताबिक, काबुल और प्रांतों में कम से कम 10 मीडिया आउटलेट बंद कर दिए गए हैं. दो टीवी नेटवर्क, सात रेडियो स्टेशन और एक समाचार मीडिया आउटलेट हैं, जिन्होंने 2022 में अपना संचालन बंद कर दिया है. मीडिया आउटलेट्स के बंद होने के बाद यहां के पत्रकारों ने अपनी नौकरी गवां दी है और वह बेरोजगार हो गए हैं. अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट एसोसिएशन (एआईजेए) के उप प्रमुख फरहाद बेहरोज ने कहा, “2022 के दौरान, हमने मीडिया में गिरावट देखी और दुख की बात है कि हमारे कई सहयोगियों ने अपनी नौकरी गवां दी है.’’
वॉइस ऑफ़ अमेरिका का प्रसारण हुआ बंद
रेडियो आज़ादी या रेडियो फ़्री यूरोप और वॉइस ऑफ़ अमेरिका ने बताया कि इस्लामी अमीरात ने अफ़ग़ानिस्तान में उनके प्रसारण बंद कर दिए हैं. एक अन्य प्रसारक नरगिस रेडियो ने वित्तीय कठिनाइयों के परिणामस्वरूप अपना प्रसारण बंद कर दिया है. यहां के स्टाफ ने अपनी नौकरी खो दी है. नांगरहार में रेडियो नरगिस के पूर्व प्रबंधक शफीकुल्लाह रहमानी ने कहा, “रेडियो नरगिस ने आर्थिक मुद्दों के कारण अपना परिचालन बंद कर दिया है.“
सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने अनुबंध किया रद्द
तालिबान के मुताबिक, अफगानिस्तान के रेडियो/टेलीविजन (आरटीए) के साथ उनके अनुबंधों को रद्द करने के कारण प्रसारण रोक दिया गया है. इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा, “यह मुद्दा सूचना और संस्कृति मंत्रालय से संबंधित है. दोनों पक्षों के अनुबंध रद्द कर दिए गए हैं और इससे उनका प्रसारण बंद हो गया है.“
2022 में पत्रकारों के उत्पीड़न की 86 घटनाएं
निगरानी संगठनों की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022 में पत्रकारों के उत्पीड़न की 86 घटनाएं दर्ज की गईं. पत्रकारों के मुताबिक, 2022 में उनके पास महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच नहीं थी. टोलो न्यूज के हवाले से एक रिपोर्टर मसीउल्लाह अहमदी ने कहा, “मीडिया उन स्रोतों से जानकारी तक नहीं पहुंच सकता था जिनसे वे इसे प्राप्त करने के लिए बने थे.’’
सूचना और संस्कृति मंत्रालय हल करेगा समस्या
कार्यवाहक तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने मीडिया के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए मीडिया उल्लंघन आयोग का गठन किया गया था. यह उम्मीद की गई थी कि आयोग की कुछ सदस्य महिलाएँ होंगी, लेकिन बाद में योजना रद्द कर दी गई. तालिबान के तहत सूचना और संस्कृति के उप मंत्री मुहाजिर फरही ने कहा, “यह फैसला लिया गया है कि मीडिया आउटलेट्स के सामने आने वाली सभी समस्याओं को सूचना और संस्कृति मंत्रालय द्वारा हल किया जाएगा.
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