काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के दारुल हुकूमत काबुल (Kabul) में स्थित हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Hamid Karzai International Airport) के बाहर गुरुवार शाम दो आत्मघाती हमले हुए, जिसके नतीजे में अब तक 73 लोगों की मरने की तसदीगक की जा चकी है, जबकि 200 से ज्यादा ज़ख्मी हुए हैं. दहशतगर्द तंज़ीम इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के खुरासान ग्रुप ने इन महलों की जिम्मेदारी कुबूल की है.


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वहीं, अब अफगानिस्तान (Afghanistan) के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने काबुल में हुए धमाकों के लिए तालिबान और हक़्क़ानी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि तालिबान और खुरासान ग्रुप के एक दूसरे से तअल्लुकात हैं.


अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर कहा है कि, 'जो सबूत हमारे सामने हैं, वो ये कह रहे हैं कि इस्लामिक स्टेट खुरासान की तालिबान और हक़्क़ानी नेटवर्क में गहरी जड़ें हैं, ख़ासकर वे लोग जो काबुल में सक्रिय हैं.' उन्होंने कहा, 'इस्लामिक स्टेट से संबंधों से तालिबान का इनकार वैसा ही है जैसे चरमपंथी संगठन क्वेटा शुरा से संबंधों से पाकिस्तान का इनकार करना है. तालिबानियों ने अपने आकाओं से अच्छे से सीखा है.'



तालिबान ने की हमले की निंदा
वहीं, तालिबान (Taliban) ने काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) हुए हमले की निंदा की है और इस हमले में अपने हाथ होने से इनकार किया है और तालिबान के एक अधिकारी ने कहा, 'काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाकों में अमेरिकियों से ज़्यादा हमारे लोग मारे गए हैं.'  वहीं, इस हमले के बावजूद तालिबना ने कहा कि अमेरिकियों को 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान में रुकने की कोई ज़रूरत नहीं है. उन्हें डेडलाइन का ख्याल करना चाहिए.


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जो बाइडेन ने जारी की चेतावनी
काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए बम धमाकों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमलावरों को सख्त वार्निंग जारी की है और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. काबुल हमलों में कई अमेरिकी फौजियों के मरने से बाइडेन सख्त सद्मे हैं और कहा है कि कि ना ही हम इसे भूलेंगे औऱ ना ही हम माफ करेंगे. अब हम शिकार करेंगे और उन्हें इन मौतों की कीमत चुकानी होगी.


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