भाविनाबेन पैरालम्पिक टेबल टेनिस में सेमीफाइनल में पहुंची, पदक पक्का कर रचा इतिहास
भाविनाबेन पटेल ने क्वार्टर फाइनल में विश्व की पांचवी रैंकिंग की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच पर प्रभावशाली जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. 34 साल की भारतीय खिलाड़ी ने सर्बिया की खिलाड़ी को 18 मिनट तक चले मैच में 11-5 11-6 11-7 शिकस्त दी.
तोक्योः तोक्यो पैरालम्पिक में भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने जुमे को पदक पक्का कर इतिहास रच दिया है. भाविनाबेन ने तोक्यो खेलों के महिला एकल क्लास चार वर्ग में पदक पक्का किया है. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में विश्व की पांचवी रैंकिंग की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच पर प्रभावशाली जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. 34 साल की भारतीय खिलाड़ी ने सर्बिया की खिलाड़ी को 18 मिनट तक चले मैच में 11-5 11-6 11-7 शिकस्त दी. सेमीफाइनल में उनका सामना चीन की झांग मियाओ से होगा लेकिन अंतिम चार में पहुंचते ही उनका पदक पक्का हो गया है. तोक्यो पैरालंपिक टेबल टेनिस में कांस्य पदक प्ले-ऑफ मुकाबला नहीं होगा और सेमीफाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को कांस्य पदक मिलेगा.
भाविनाबेन को 12 साल की उम्र में हुआ था पोलियो
दिन की स्टार निश्चित रूप से भाविनाबेन थीं जो पैरालम्पिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी. उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में ब्राजील की जॉयस डि ओलिवियरा पर 12-10, 13-11, 11- 6 से जीत दर्ज की. इससे पहले भारत की टेबल टेनिस खिलाड़ी सोनलबेन मनुभाई पटेल दोनों ग्रुप मैच हारकर बाहर हो गयी थी. भाविनाबेन को 12 साल की उम्र में पोलियो हो गया था. उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले के बाद कहा कि मैं भारत के लोगों के समर्थन के कारण अपना क्वार्टर फाइनल मैच जीत सकी हूं. कृपया मेरा समर्थन करते रहें ताकि मैं अपना सेमीफाइनल मैच भी जीत सकूं.
पावरलिफ्टर सकीना खातून पांचवें मुकाम पर रही
दिन की दूसरे मुकाबलों में भारतीय पावरलिफ्टर सकीना खातून महिलाओं के 50 किलोवर्ग में पांचवें मुकाम पर रही जबकि हमवतन जयदीप पुरूषों की 65 किलोवर्ग स्पर्धा में एक भी वैध प्रयास नहीं कर सके. राष्ट्रमंडल खेल 2014 की कांस्य पदक विजेता खातून का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 93 किलो रहा. चीन की डेंडान हू ने 120 किलो उठाकर स्वर्ण पदक जीता जबकि मिस्र की रेहाब अहमद ने रजत और ब्रिटेन की ओलिविया ने कांस्य पदक जीता. बत्तीस वर्ष की खातून ने पहले प्रयास में 90 किलो वजन उठाया. दूसरे प्रयास में उन्होंने 93 किलो की कोशिश की लेकिन नाकाम रही. तीसरे प्रयास में उन्होंने 93 किलो वजन उठाया.
तीरंदाजी में राकेश कुमार ने तीसरा मुकाम हासिल किया
तीरंदाजी में भारतीय कंपाउंड तीरंदाज राकेश कुमार ने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 720 में से 699 अंक बनाकर पुरूषों के ओपन वर्ग के रैंकिंग दौर में तीसरा मुकाम हासिल कर लिया. पुरूषों के रिकर्व ओपन वर्ग में 2019 के एशियाई पैरा चैम्पियनशिप विजेता विवेक चिकारा शीर्ष दस में रहे. दुनिया के 11वें नंबर के तीरंदाज राकेश ने इस साल दुबई में पहले विश्व रैंकिंग टूर्नामेंट में व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण जीता था. वह दूसरे स्थान पर रहने से मामूली अंतर से चूक गए क्योंकि ईरान के रमेजान बियाबानी का स्कोर भी 699 था लेकिन बीचोंबीच अधिक तीर चलाने के कारण वह बाजी मार गए. राकेश ने 53 बार परफेक्ट 10 स्कोर किया जबकि ईरानी तीरंदाज ने 18 बार यह कमाल किया.
तीरंदाज ज्योति बालियान कंपाउंड ओपन वर्ग में 15वें स्थान पर रही
भारत के श्याम सुंदर स्वामी 682 अंक लेकर 21वें स्थान पर रहे. पैरालम्पिक के लिये क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला तीरंदाज ज्योति बालियान कंपाउंड ओपन वर्ग में 15वें स्थान पर रही. एशियाई पैरा चैम्पियनशिप 2019 में टीम रजत पदक विजेता ज्योति ने 671 स्कोर किया. उन्हें और राकेश को मिश्रित युगल ओपन वर्ग में छठी रैंकिंग मिली है. वे थाईलैंड के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेंगे. तीरंदाजी में पुरूषों के रिकर्व ओपन वर्ग में चिकारा 609 अंक लेकर शीर्ष 10 में रहे. उन्होंने 20 बार परफेक्ट 10 स्कोर किया जबकि 2018 पैरा एशियाई खेल चैम्पियन हरविंदर सिंह शीर्ष 20 से बाहर रहे.
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