Mufti Sheikh Abdullah Kamil Death: मिस्र के मशहूर नेत्रहीन कारी और इस्लामिक स्कॉलर शेख अब्दुल्ला कामिल (Sheikh Abdullah Kamil) अमेरिका की एक मस्जिद में इमामत करते हुए इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं. 


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एक विदेशी समाचार एजेंसी के मुताबिक, बुधवार को 37 वर्षीय शेख अब्दुल्ला कामिल अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी की अल-तौहीद मस्जिद (Al-Tawheed Mosque) में इमामत कर रहे थे, इसी दौरान उनकी मौत हो गई. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मिस्र के शेख का जन्म फ़यूम गवर्नमेंट की राजधानी यूसुफ अल-सादिक के गांव में हुआ था और उन्होंने कम उम्र में ही कुरान को याद कर लिया था.


शेख अब्दुल्ला कामिल के इंतेकाल पर अरब दुनिया की मशहूर हस्तियों ने गम का इज़हार किया है. खास तौर पर कुवैती शायर और वाचक मशरी रशीद अल-अफसी, शेख माहेर अल-मकली और अन्य ने शेख अब्दुल्ला के जाने पर दुख का इज़हार किया है. कुवैती के लेखक अहमद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-नफ़ीस ने लिखा, "नाबीना (नेत्रहीन) शेख अब्दुल्ला कामिल के इंतेकाल से दिल दुखी है, जो कुछ वक्त पहले अमेरिका में अपने सुरीली और मीठी आवाज़ के लिए मशहूर हुए थे. मेरी आंखें भर आई हैं."


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अब्दुल्ला कामिल अपनी खूबसूरत आवाज़ में पवित्र कुरान पढ़ने के लिए जाने जाते थे. 10 अप्रैल को अब्दुल्ला कामिल ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसके लिए कारी अब्दुल्ला ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि अल्लाह ने उन्हें एक बेटे का आशीर्वाद दिया. उन्होंने बेटे का नाम सुफियान रखा था. 


अल-अजहर यूनिवर्सिटी में हदीस के प्रोफेसर, कुरान समीक्षा समिति के अध्यक्ष और पूर्व शेख डॉ. अहमद ईसा अल-मसरवी ने लिखा है कि अल्लाह शेख अब्दुल्ला कामिल पर रहम करे. उनकी कब्र को नूर मुनव्वर फरमाए और उनके दरजान को बुलंद फरमाए. 


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