संयुक्त राष्ट्रः चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को विफल कर दिया. अमेरिका और भारत ने सुरक्षा परिषद में मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था. समिति के सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये जाते हैं. इसलिए, चीन के संयुक्त प्रस्ताव पर अपना रुख बदलने तक इसे पास नहीं कराया जा सकता. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पहले भी भारत को धोखा दे चुका है चीन 
उल्लेखनीय है कि चीन ने भारत और उसके सहयोगियों द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के प्रयासों को इससे पहले भी कई बार बाधित किया है. भारत ने मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी राजनयिक जीत हासिल की थी, जब वैश्विक निकाय ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को ‘‘वैश्विक आतंकवादी’’ करार दिया था. ऐसा करने में भारत को करीब एक दशक का वक्त लग गया था.

अपने वीटो पावर का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है चीन 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15-रुकनी निकाय में चीन एक वाहिद ऐसा मुल्क था, जिसने अजहर को काली सूची में डालने की कोशिशों को बाधित की थी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच राष्ट्र -अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस -स्थाई सदस्य हैं. इनके पास ‘वीटो’ का हक है यानी अगर उनमें से किसी एक ने भी परिषद के किसी प्रस्ताव के विपक्ष में वोट डाला तो वह प्रस्ताव पास नहीं होगा.

कौन है अब्दुल रहमान मक्की ? 
मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है. मक्की (74), लश्कर-ए-तैयबा में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता रहा है, जिसे अमेरिका पहले आंतकवादी संगठन घोषित कर चुका है. 


Zee Salaam