बीजिंगः चीन में जहां एक तरफ कोविड-19 संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है वहीं इसे फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं. चीन में कई स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं. वहीं, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस्तीफे की भी मांग की है. चीन में इस तरह के प्रदर्शन होना दुर्लभ बात मानी जा रही है. 
चीन में इतवार को लगभग 40,000 कोविड संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं. देश में लगातार चौथे दिन संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, शंघाई जैसे प्रमुख शहरों में मामलों में अप्रैल में आई तेजी के बाद से यह तादाद सबसे ज्यादा है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

"शी चिनफिंग इस्तीफा दो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ा’’
चीनी सोशल मीडिया पर उपलब्ध कई वीडियो में लोग शंघाई समेत कई स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन करते, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना और देश के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं. कई वीडियो में विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र लॉकडाउन का विरोध करते दिखाई दे रहे हैं. कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है. पुलिस ने आधी रात में ‘मिडल उरुमकी रोड’ पर जमा हुए करीब 300 प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल और उनपर बल प्रयोग किया.  प्रदर्शनकारियों ने ‘शी चिनफिंग, इस्तीफा दो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो’, ‘शिनजियांग से प्रतिबंध हटाओ, चीन से प्रतिबंध हटाओ’, ‘हम पीसीआर (जांच) नहीं कराना चाहते, स्वतंत्रता चाहते हैं’ और ‘प्रेस की स्वतंत्रता’ सहित कई नारे लगाए. 

बैन की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई थी
उरुमकी में गुरुवार को लॉकडाउन के दौरान एक अपार्टमेंट में आग लग जाने से 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद वहां व्यापक स्तर पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे. भारी विरोध के बाद शनिवार को, शिनजियांग क्षेत्र के अफसरों ने उरुमकी में कुछ मोहल्लों से प्रतिबंध हटा दिया था. उरुमकी के निवासियों द्वारा शहर में तीन महीने से ज्यादा वक्त से लागू ‘लॉकडाउन’ के खिलाफ प्रदर्शन किए जाने के बाद अधिकारियों को प्रतिबंध हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. कई लोगों का इल्जाम है कि वायरस के नाम पर लगाए गए बैन के कारण उरुमकी की आग और भड़क गई थी, जिससे आपात कर्मियों को आग बुझाने में तीन घंटे का वक्त लग गया. हालांकि, अफसरों ने इन इल्जामों से इनकार किया और कहा कि इमारत में कोई अवरोधक नहीं लगाए गए थे और निवासियों को वहां से जाने की इजाजत थी.


Zee Salaam