बीजिंगः चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के मंगलवार को चीन दौरे के दौरान उनके देश के लिए चीन का समर्थन देने का आश्वासन दिया है.  ईरान के राष्ट्रपति ने ऐसे वक्त में चीन की यात्रा की है, जब तेहरान परमाणु हथियारों के विकास को लेकर पश्चिमी देशों के कड़े प्रतिबंधों के बीच चीन व रूस के साथ अपने रिश्तों को लगातार सुधारने और विस्तार देने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के खिलाफ ईरान चीन और रूस के साथ मिलकर नई रणनीति बना सकता है. 


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यूक्रेन-रूस जंग पर कोई चर्चा नहीं 
रईसी के साथ शी चिनफिंग की बैठक के संबंध में चीन के आधिकारिक बयान में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है कि क्या उन्होंने यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर चर्चा की या नही ? तेहरान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार को सैन्य ड्रोन की आपूर्ति की थी. हालांकि बाद में उसने इस बात की सफाई दी थी कि ईरान ने रूस को ये हथियार जंग शुरू होने से पहले भेजा गया था.


अमेरिका के बढ़ते प्रभुत्व की कड़ी आलोचना 
शी चिनफिंग ने रईसी की सरकार के लिए अपना समर्थन जताया है और वैश्विक मामलों में अमेरिका के बढ़ते प्रभुत्व की कड़ी आलोचना की है. रूस के साथ-साथ चीन और ईरान खुद को अमेरिकी शक्ति के प्रतिपक्ष के रूप में पेश करते आ रहे हैं. चीन के सरकारी टेलीविजन की वेबसाइट के मुताबिक शी चिनफिंग ने एक बयान में कहा, “चीन राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने में ईरान का समर्थन करता है और एकपक्षवाद और धमकी की कूटनीति का विरोध करता है.’’


चीन सरकार ने ऐलान किया है कि शी चिनफिंग और रईसी ने कारोबार और पर्यटन सहित 20 सहयोग समझौतों पर दस्तखत किए है. ये समझौते तेल, उद्योग और अन्य क्षेत्रों के विकास में सहयोग करने के लिए 2021 में करार हुए 25-वर्षीय रणनीति समझौते की अगली कड़ी के रूप में हैं. चीन ईरान के तेल का सबसे बड़ा खरीदार और निवेश का एक स्रोत है.


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