पूर्व ब्रिटिश PM को पड़े समर्थन के लाले, जबरदस्त टक्कर दे रहे भारतीय मूल के ऋषि; जीत लगभग पक्की
UK Prime Ministerial Race: ब्रिटेन में प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss ) के इस्तीफे से उपजे संकट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं. जॉनसन जहां वापसी के लिए समर्थन के लिए जूझ रहे हैं, वहीं इस रेस में जीतते हुए नजर आ रहे हैं.
लंदनः भारतीय मूल के पूर्व ब्रिटिश वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने इतवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के तौर पर लिज ट्रस (Liz Truss) की जगह नए नेता के चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है. इसके साथ ही सुनक ने अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रतिबद्धता जताई है. बयालीस वर्षीय सुनक संसद में कम से कम 128 टोरी सदस्यों की हिमायत के साथ कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) के नेता की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बोरिस जॉन्सन (Boris Johnson) को समर्थन जुटाने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कंजरवेटिव पार्टी में अपने खिलाफ खुले विद्रोह के बाद पद संभालने के 43 दिन बाद ही गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
सुनक ने जुलाई में कैबिनेट छोड़ दिया, जिसके बाद कई मंत्रियों ने सुनक की हिमायत में इस्तीफा सौंप दिया था. बाद में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के खिलाफ पार्टी में विद्रोह होने के बाद खुद जॉनसन को भी इस्तीफा देना पड़ गया था.
सुनक ने किया गिरती अर्थव्यवस्था को उबारने का वादा
सुनक ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटेन एक महान देश है, लेकिन हमारे सामने बड़ा आर्थिक संकट है. इसलिए मैं कंजरवेटिव पार्टी के नेता और आपके अगले प्रधानमंत्री के लिए दौड़ में शामिल हो रहा हूं. मैं अपनी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करना चाहता हूं, अपनी पार्टी को एकजुट करना चाहता हूं और अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं.’’ उन्होंने अपने दृष्टिकोण वक्तव्य में कैबिनेट में वित्त मंत्री के रूप में अपने कामकाज का लेखाजोखा भी पेश किया है. सुनक ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे सामने और बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन अगर हम सही चुनाव करते हैं तो इससे उबरने के मौके भी असाधारण हैं. मेरा काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, हमारे सामने जो सबसे बड़ी समस्याएं हैं, उनसे निपटने की मरे पास स्पष्ट योजना है और मैं 2019 के घोषणापत्र में किए गए वादों पर काम करुंगा.’’
सुनक रच सकते हैं इतिहास
अगर ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुना जाता है, तो वह यूनाइटेड किंगडम में भारतीय मूल के पहले प्रधान मंत्री होंगे. उनका परिवार 1960 के दशक में ब्रिटेन चला गया था. सुनक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक होने और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पोस्टग्रेजुएट हैं. उन्होंने अक्षता मूर्ति से शादी की है, जिनके पिता भारतीय अरबपति एन आर नारायण मूर्ति हैं. वह इंफोसिस लिमिटेड के संस्थापक हैं. सुनक पहली बार चर्चा में उस वक्त आए थे, जब 39 वर्ष की उम्र में, वह जॉनसन की सरकार में ब्रिटेन के वित्त मंत्री बनाए गए थे.
जॉनसन के समर्थकों ने 100 सांसदों की हिमायत का किया दावा
उधर, पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के समर्थकों का दावा है कि जॉनसन को कंजरवेटिव पार्टी के नेता की दौड़ में जरूरी 100 सांसदों की हिमायत हासिल है. हालांकि, जॉनसन ने अपनी उम्मीदवारी का औपचारिक ऐलान अभी तक नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि कंजरवेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है, जिसमें सुनक, जॉनसन और पेनी मॉरडॉन्ट शामिल हो सकते हैं.
55 सांसद खुलकर कर रहे जॉनसन का समर्थन
भविष्य में नतीजे कुछ भी हो लेकिन फिलहाल जिस व्यक्ति पर बोरिस जॉनसन से ब्रिटेन का प्रधानमंत्री रहते हुए धोखा देने का इल्जाम लगाया था, वह शख्य ऋषि सुनक उन्हें कड़ी चुनौती देते नजर आ रहे हैं. सुनक सांसदों के समर्थन की दौड़ में काफी आगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, 133 सांसद सुनक के समर्थन में हैं, जबकि जॉनसन के समर्थन में अभी सिर्फ 55 सांसद ही दिख रहे हैं.
जॉनसन के चुने जाने पर फिर जा सकती है कुर्सी
गौरतलब है कि जॉनसन को अभी भी एक विशेषाधिकार समिति की जांच का सामना करना पड़ रहा है कि क्या उन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट पार्टियों पर संसद को गुमराह किया है. इसमें दोषी पाए जाने पर उन्हें फिर से इस्तीफा देने या पद से निलंबित करने के लिए मजबूर किया जा सकता है.
कैसे होगा प्रधानमंत्री का चुनाव ?
नियमों के मुताबिक, अगर संसद में 350 से ज्यादा कंजर्वेटिव सांसदों में से सिर्फ एक उम्मीदवार को 100 कंजर्वेटिव सांसदों का समर्थन प्राप्त होता है, तो उन्हें सोमवार को प्रधान मंत्री नामित किया जाएगा. अगर दो उम्मीदवार उस स्तर का समर्थन हासिल करते हैं, तो वे पार्टी सदस्यता के वोट के लिए आगे बढ़ेंगे, जिसके विजेता की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी. जॉनसन के समर्थकों का कहना है कि उन्हें 100 से अधिक सांसदों का समर्थन मिला है, लेकिन कई लोग खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. इस साल की शुरुआत में कुछ वक्त के लिए वित्त मंत्री रहे नादिम जाहवी ने इतवार खुलकर जॉनसन का समर्थन किया है.
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