नई दिल्लीः पाकिस्तान को 1992 में वर्ल्ड कप दिलाने वाले पूर्व क्रिकेटर और देश के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को मंगलवार को एक रिश्वत के केस में इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है. इस्लामाबाद पुलिस ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. हालांकि, इस मामले में पाक में शरीफ की सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. उनकी गिरफतारी के बाद पाकिस्तान में भारी रोष है. इमरान खान पाकिस्तान में एक साथ कई मार्चें पर लड़ रहे थे. वह पाकिस्तान सरकार, वहां की आर्मी चीफ और आईएसआई चीफ के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी पर देश और दुनियाभर में आलोचना की जा रही है.   


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे पहले दिन में, खान अपने खिलाफ कई भ्रष्टाचार के मामलों में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के समक्ष आरोपों का सामना करने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे थे. जैसे ही गिरफ्तारी की खबर फैली, खान के समर्थक सरकार विरोधी नारे लगाते हुए लाहौर में इकट्ठा होने लगे हैं. पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. 



भ्रष्टाचार विरोधी न्यायाधिकरण में होगी पेशी 
भ्रष्टाचार रोधी निकाय के अफसरों ने कहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने पिछले हफ्ते एक अलग भ्रष्टाचार मामले में खान के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके लिए उन्हें जमानत नहीं मिली थी. नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि खान को मंगलवार को बाद में एक भ्रष्टाचार विरोधी न्यायाधिकरण के समक्ष पेश किया जाएगा. 

अप्रैल 2022 में छोड़ना पड़ा था पीएम का पद 
खान को अप्रैल 2022 में एक अविश्वास मत के बाद अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. उस वक्त खान ने दावा किया था कि उनका निष्कासन अवैध और पश्चिमी देशों की साजिश का नतीजा थी. उन्होंने अपने उत्तराधिकारी, प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ मुहिम चलाई थी, जिसमें जल्द चुनाव की मांग की गई थी. 


गिरफ्तार होने वाले सातवें पूर्व प्रधानमंत्री 
खान पाकिस्तान में गिरफ्तार होने वाले सातवें पूर्व प्रधानमंत्री बन गए हैं. जुल्फिकार अली भुट्टो को 1979 में गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें फांसी दे दी गई थी. वर्तमान प्रधान मंत्री के भाई, नवाज शरीफ, जिन्होंने प्रधान मंत्री के रूप में भी काम किया था, को भ्रष्टाचार के आरोपों में कई मौकों पर गिरफ्तार किया गया था. 

सेना के साथ खराब हो गए थे इमरान के संबंध 
संसदीय चुनाव जीतने के बाद खान 2018 में सत्ता में आए थे. खान को 2018 में सत्ता लगभग दो दशक बाद मिली थी. उन्होंने पहली बार 1996 में अपनी राजनीतिक पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), या पाकिस्तान मूवमेंट फॉर जस्टिस पार्टी लॉन्च की थी. 17 साल तक खान के अलावा उनकी पार्टी ने कोई सीट नहीं जीती थी. उनकी सरकार को पहले सेना की गोद में खेलने वाली सरकार बताकर आलोचना की गई थी, लेकिन बाद में देश की सेना के साथ उनके संबंध धीरे-धीरे खराब हो गए. वहां की सेना ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से 75 वर्षों में से आधे से अधिक समय तक सीधे पाकिस्तान पर शासन किया है, और नागरिक सरकारों पर काफी शक्ति का इस्तेमाल किया है. 



प्लेबॉय टू रिफॉर्मर
1952 में एक सिविल इंजीनियर के घर पैदा हुए इमरान खान अपनी चार बहनों के साथ लाहौर के एक समृद्ध शहरी पश्तून परिवार में पले-बढ़े थे. प्रारंभिक पढ़ाई पाकिस्तान में हासिल करने के बाद वह  ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गए, जहां उन्होंने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में स्नातक किया. क्रिकेट की दुनिया में जैसे-जैसे उनका करियर फलता-फूलता गया, उन्होंने 1970 के दशक के अंत में लंदन में उनकी एक प्लेबॉय जैसी छवि बन गई थी. 1995 में, उन्होंने बिजनेस टाइकून जेम्स गोल्डस्मिथ की बेटी जेमिमा गोल्डस्मिथ से शादी की. उनके दो बेटे हैं, लेकिन इस दंपति ने 2004 में तलाक ले लिया. इमरान खान ने बाद में टीवी पत्रकार रेहम नय्यर खान से दूसरी शादी की लेकिन कुछ सालों में ही दोनों का तलाक हो गया. उनकी तीसरी शादी बुशरा बीबी से हुई, जो एक आध्यात्मिक महिला है. सूफीवाद में उनकी गहरी रुचि है.  


Zee Salaam