वाशिंगटनः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले इस साल भारतीय मुद्रा में हो रही लगातार गिरावट पर अजीब-ओ गरीब बयान दिया है. उन्होंने डॉलर के मुकाबले में रुपए में आई आठ फीसदी की गिरावट को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा है है कि कमजोरी रुपए में नहीं आई बल्कि डॉलर में मजबूती आ गई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने के बाद सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बताते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपया में स्थिरता बनी हुई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं, डॉलर के मुकाबले में रुपये की कीमत की बात करें तो शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 82.35 के भाव पर बंद हुआ था. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सात अक्टूबर 2022 तक 532.87 अरब डॉलर था जो एक साल पहले के 642.45 अरब डॉलर से कहीं कम है. 


रुपये फिसल नहीं रहा है इसमें मजबूती आई है
रुपए में गिरावट आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इसे इस तरह नहीं देखूंगी कि रुपया फिसल रहा है बल्कि मैं यह कहना चाहूंगी कि रुपये में मजबूती आई है. डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है.’’ मजबूत हो रहे डॉलर के सामने अन्य मुद्राओं का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा है, लेकिन मेरा खयाल है कि अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपया ने बेहतर प्रदर्शन किया है.’’ 

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है
सीतारमण ने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था की व्यापक आर्थिक बुनियाद भी अच्छी है. विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है. मैं बार-बार कह रही हूं कि मुद्रास्फीति भी इस स्तर पर है जहां उससे निपटना संभव है.’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘बाकी की दुनिया की तुलना में अपनी स्थिति को लेकर हमें सजग रहना होगा. मैं वित्तीय घाटे को लेकर पूरी तरह से सतर्क हूं.’’ वित्त मंत्री ने बढ़ते व्यापार घाटे के मुद्दे पर कहा, ‘‘इसका मतलब है कि हम निर्यात की तुलना में ज्यादा आयात कर रहे हैं. हम यह भी देख रहे हैं कि यह अनुपातहीन वृद्धि क्या किसी एक देश के मामले में हो रही है.’’ असल में, उनका इशारा चीन के लिहाज से व्यापार घाटा बढ़कर 87 अरब डॉलर होने की तरफ था.


ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in