फ़र्स्ट अफगान वाइस प्रेसिडेंट ने ख़ुद को किया केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित, ट्वीट कर कही ये बात
राष्ट्रपति अशरफ़ गनी की सरकार में उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के आइन के मुताबिक राष्ट्रपति की ग़ैरमौजूदगी, चले जाने, इस्तीफ़े या मौत की सूरत में उपराष्ट्रपति केयरटेकर राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाएंगे.
काबुल: तालिबान के काबुल पर कब्ज़े के बाद अफ़ग़ानिस्तान में जारी सियासी अफ़रा-तफरी के बीच मुल्क के फ़र्स्ट वाइस प्रेसिडेंट अमरुल्लाह सालेह ने ख़ुद को केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित किया है. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी
राष्ट्रपति अशरफ़ गनी की सरकार में उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के आइन के मुताबिक राष्ट्रपति की ग़ैरमौजूदगी, चले जाने, इस्तीफ़े या मौत की सूरत में उपराष्ट्रपति केयरटेकर राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाएंगे.
अमरुल्ला सालेह ने कहा, "मैं इस समय देश के अंदार ही हूं और देश का कानूनी केयरटेकर राष्ट्रपति हूं. मैं आम सहमति बनाने और हिमायत हासिल करने के लिए सभी नेताओं से राब्ता कर रहा हूं.
खुद को केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित करने से पहले अमरुल्लाह ने कहा कि वे तालिबान के सामने घुटने कभी नहीं टेकेंगे. उन्होंने ट्वीट कहा था है, "अफ़ग़ानिस्तान मामले पर अब राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बहस करना बेकार है. उन्हें छोड़ दो. हम अफ़ग़ानों को ये साबित करना होगा कि अफ़ग़ानिस्तान, वियतनाम नहीं है और तालिबान कहीं से भी वियत कांग की तरह नहीं हैं."
उन्होंने ये भी कहा था कि 'अमेरिका/नेटो के विपरीत, हमने हौसला नहीं खोया है. आगे हम अपार इमकानात देख रहे हैं. फालतू की चेतावनियां अब ख़त्म हो गई हैं. आइए प्रतिरोध में शामिल हों.'
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में चल रही जंग रविवार को फैसलाकुन हो गई जब तालिबान ने राजधानी काबुल को घेर लिया और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी को मुल्क से भागना पड़ा और वाइस प्रेसिडेंट अमरुल्लाह सालेह मुल्क के अंदर ही कहीं रूपोश हो गए, जिसके बाद अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया.
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