Gaza 100: इजरायल और गाजा के दरमियान बीते 100 दिन से जंग जारी है. लेकिन अभी भी हमलों के रुकने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. इजरायल की तरफ से जारी हमलों में गाजा के 24 हजार लोग मारे गए हैं. इम हमलों में सबसे ज्यादा औरतें और बच्चे मारे गए हैं. हैरानी की बात यह है कि इस जंग को कवर करने वाले पत्रकारों की भी जानें गई हैं. इजरायल-गाजा दुनिया की ऐसी पहली जंग है जिसमें सबसे ज्यादा पत्रकार मारे गए हैं. दोनों के दरमियान जारी जंग में कम से कम 82 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए हैं.


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24 हजार लोगों की मौत
बीते दिन इजरायल की तरफ से किए गए हमलों में गाजा में 135 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. जबकि 312 लोग घायल हुए हैं. इजरायल का कहना है कि फिलिस्तीनी इलाके गाजा में मारे गए सभी लोग हमास के लड़ाके हैं, लेकिन फिलिस्तीन का कहना है कि जंग में महज 8 हजार लड़ाके मारे गए हैं बाकी लोग आम नागरिक हैं. इसमें 80 फीसद औरतें और बच्चे शामिल हैं. गाजा में 10 हजार से ज्यादा लोग लापता बताए जाते हैं. बताया जाता है कि यह लोग मलबे में दबे हो सकते हैं.


पत्रकारों के कत्ल पर इजरायल को चेतावनी
गाजा में जंग के 100वें दिन में प्रवेश करने पर पत्रकारों की रक्षा करने वाली समिति (CPJ) ने इजरायली सेना की तरफ से पत्रकारों की हत्या को रोकने के लिए अपने आह्वान को फिर से दोहराया है. CPJ के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम समन्वयक शेरिफ मंसूर ने कहा, "100 दिनों की लड़ाई के बाद, अंतरराष्ट्रीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को गाजा में बिना सेंसर की पहुंच की इजाजत देकर पत्रकार के कत्ल के लिए इजरायल को सार्वजनिक जांच का सामना करना पड़ेगा." उन्होंने कहा कि "इजरायली सेना की तरफ से पत्रकारों के कत्ल अब बंद होने चाहिए."


सबसे ज्यादा फिलिस्तीनी पत्रकार
सीपीजे के आंकड़ों के मुताबिक, 13 जनवरी तक फिलिस्तीनी इलाके में कम से कम 82 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए हैं. इसमें 75 फिलिस्तीनी, चार इजरायली और तीन लेबनानी पत्रकार-मीडियाकर्मी मारे गए हैं.


क्या है पूरा मामला?
ख्याल रहे कि 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला किया था. जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने हमास के ठिकाने वाले इल्के गाजा में हमले शुरू किए. आज इस युद्ध के 100 दिन हो गए हैं.