भारतीय उम्मीदों को लगा धक्का; बेलारूस, रूस और यूक्रेन के संगठन को मिला नोबेल शांति पुरस्कार
Nobel Peace Prize 2022: भारत के ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर प्रतीक सिन्हा, मोहम्मद जुबैर और ’कारवांए मोहब्बत’ के संस्थापक और पूर्व नौकरशाह हर्ष मंदर का नाम भी इस साल नोबेल शांति पुरुस्कार के उम्मीदवारों की सूची में शामिल था.
ओस्लोः साल 2022 के नोबेल पुरुस्कारों (Nobel Peace Prize 2022) में शुक्रवार को शांति के नोबेल पुरुस्कार की घोषणा की गई. इस बार बेलारूस के अधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की, रूसी समूह ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के संगठन ‘सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज’ (Center for Civil Libertie) को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2022) देने का ऐलान किया गया है. इसी के साथ शांति के नोबेल पुरुस्कारों (Nobel Peace Prize 2022) के लिए भारत की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं. इस बार इस इनाम के लिए तीन भारतीय नागरिकों का नाम भी रेस में था. ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर प्रतीक सिन्हा (Prateek Sinha), मोहम्मद जुबैर (Mohammd Zubair) और कारवांए मोहब्बत के संस्थापक और पूर्व नौकरशाह हर्ष मंदर (Harsh Mandar) का नाम भी भारत की तरफ से नोबेल शांति पुरुस्कार के उम्मीदवारों की सूची में शामिल था. नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को नार्वे नोबेल कमेटी की प्रमुख बेरिट रीज एंडर्सन ने ओस्लो शहर में की.
इससे पहले ‘निएंडरथल डीएनए’ के रहस्यों की खोज करने वाले वैज्ञानिक स्वांते पाबो को सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था और इसी के साथ नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरुआत की गई थी. तीन वैज्ञानिकों एलेन एस्पेक्ट, जॉन क्लाउसर और ज़ीलिंगर एंटोन ने मंगलवार को संयुक्त रूप से भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize 2022) जीता था. वहीं, बुधवार को कैरोलिन आर बर्टोज्जी, मोर्टन मेल्डल और के. बैरी शार्पलेस को रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था. गुरुवार को फ्रांसीसी लेखिका एनी एरनॉक्स को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था. वहीं, अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी.
गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार के रूप में तीनों विजेताओं को 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (तकरीबन 8.20 करोड़ रुपये) का नकद पुरस्कार 10 दिसंबर को दिया जाएगा. स्वीडिश क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है. यह पैसा पुरस्कार के निर्माता, स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत की गई संपत्ति से आता है, जिनकी मृत्यु 1895 में हुई थी.
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