पाकिस्तान: फिर से लॉन्ग मार्च की तैयारी में इमरान ख़ान, समर्थकों को बुलाया रावलपिंडी
Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर से लॉन्ग मार्च की तैयारी में लग गए हैं. उन्होंने अपने समर्थकों को रावलपिंडी बुलाया है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि नाजुक वक्त में मुल्क खामोश नहीं बैठ सकता.
पाकिस्तान: पाकिस्तान के साबिक़ वज़ीरे आज़म इमरान खान ख़ुद पर हुए हमले के बाद फिर से लॉन्ग मार्च शुरू करने का मंसूबा बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने हामियों से 26 नवंबर को रावलपिंडी पहुंचने की अपील की और कहा कि अपने लॉन्ग मार्च को लेकर आगे की हिक्मते अमली (रणनीति) का ऐलान वो रावलपिंडी में ही करेंगे. इमरान ने अपने समर्थकों से ये कहते हुए अपील की कि आप सबको रावलपिंडी आना है 26 तारीख को. 1 और 2 के बीच में आपको पूरी कोशिश करनी है पहुंचने की. मैं खुद वहां आपसे मिलूंगा और अगली रणनीति बताऊंगा.
उन्होने मज़ीद कहा कि ये तहरीक रुकने नहीं लगी. इमरान खान ने अपनी रिहाइशगाह से अपने कारकुनान को ऑनलाइन ख़िताब करते हुए कहा कि इस नाजुक मोड़ पर मुल्क शांत नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि अगर देश आज कुछ नहीं करेगा तो आने वाली नस्लें इस बात पर पछताएंगी कि उनके बुजुर्ग घरों में बैठे रहे और नाइंसाफ़ी के खिलाफ खड़े नहीं हुए. तारीख का ऐलान करने से पहले डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी रिहाइशगाह पर उनकी जांच की.
चोरों की गुलामी से अच्छा मर जाना है- इमरान ख़ान
इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुताबिक, इमरान खान के ज़ख़्म तेज़ी से भर रहे हैं और वो अगले हफ़्ते के आख़िर में एहतेजाजी मुहिम में हिस्सा ले सकेंगे. खान ने कहा कि उनकी ज़िंदगी अभी भी खतरे में है, लेकिन वो गुलामी की बजाय मरना पसंद करेंगे क्योंकि यह उनके दिमाग में बचपन से है. इस दौरान इमरान ख़ान ने एक बार फिर कहा कि चोरों की गुलामी से अच्छा मर जाना है. इस बारे में बात करते हुए उन्होने कहा कि मैं समझता हूं कि मौत गुलामी से ज़्यादा बेहतर है. गुलाम की ज़िंदगी से बेहतर मर जाना है. यही नहीं इमरान खान ने कहा कि वो अपने ऊपर हुए हमले की FIR दर्ज नहीं करवा सके, जबकि, पंजाब सूबे में उन्हीं की सरकार है. उन्होंने कहा कि मुल्क का साबिक़ वज़ीरे आज़म जो मैंने आपको कहा कि मैं FIR नहीं रजिस्टर करवा सका. इमरान ख़ान की इन बातों को लेकर पाकिस्तान की सूचना प्रसारण मंत्री मरियम औरंगज़ेब में उन्हें घेरते हुए कहा कि अगर वो FIR दर्ज नहीं करा पाए तो पंजाब में अपनी सरकार को बर्खास्त क्यों नहीं कर देते. मरियम ने कहा कि अभी इमरान कह रहे थे कि पंजाब में मेरी हुकूमत है लेकिन मैं FIR नहीं कटा सकता और दूसरी तरफ कहते हैं कि अगर अधिकार ना हों तो मैं हुकूमत नहीं लूंगा, तो तोड़ें एसेंबली पंजाब की.
इमरान मार्च के ज़रिए कर रहे हैं फिर से आम चुनाव का मुतालबा
बता दें कि इमरान इस विरोध मार्च के जरिए नए सिरे से आम चुनाव की मांग कर रहे हैं. लेकिन वज़ीरे आज़म शहबाज़ शरीफ की क़यादत वाली सरकार अब चुनाव कराने की मुख़ालफ़त कर रही है. पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली का कार्यकाल अगस्त 2023 में खत्म होगा. बीते 3 नवंबर को वजीराबाद में लॉन्ग मार्च के दौरान इमरान खान के ऊपर हमला किया था. इमरान इस हमले में बाल-बाल बचे. 70 साल के इमरान खान पर हमला तब हुआ, जब वो गुजरांवाला में लॉन्ग मार्च की क़यादत कर रहे थे. यहां एक शख्स ने इमरान के ऊपर फायरिंग कर दी थी, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी और साबिक़ पीएम के पैर में गोली लगी थी. पीटीआई की जानिब से इल्ज़ाम लगाया था कि इस हमले के पीछे शहबाज़ शरीफ समेत कई आला लीडरान का हाथ है.
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