नई दिल्ली: चीन में कोरोनावारस से मतास्सिर पाकिस्तान के तलबा गुहार लगा लगा कर थक गए लेकिन पाकिस्तान चीन से अपनी दोस्ती निभाने में मसरूफ नज़र आया. आलमी दुनिया और खुद के मुल्क पाकिस्तान में बेइज्ज़ती झेलने के बाद इमरान खान ने हुक्म दिया है कि वो वुहान में फंसे पाकिस्तानियों की मदद के लिए इकदामात उठाए जाएं. इमरान खान ने ट्वीट किया कि मैंने दफ्तरे खार्जा और वज़ारत को हुक्म दिया है कि वुहान में फंसे हुए हमारे तलबा और तालिबात के लिए हर मुमकिन क़दम उठाया जाए. इसके इमरान खान ने एक दीगर ट्वीट में चीन के साथ इज़हारे हमदर्दी भी किया है. 



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हाल ही में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी हुकूमत से कहा है कि वह चीन से पाकिस्तानियों को वापस नहीं लाने के फैसले पर दोबारा ग़ौर करे. जस्टिस अतहर मिनल्ला ने कहा कि बांग्लादेश व तमाम दीगर मुमालिक ने अपने शहरियों को चीन से वापस बुला लिया है लेकिन पाकिस्तानी तलबा वुहान में क़ैद होकर रह गए हैं. उन्होंने मज़ीद कहा कि बांग्लादेश अपने शहरियों को वहां से निकाल सकता है तो पाकिस्तान क्यों नहीं. सवाल है कि केवल हम ही अपने शहरियों को वहां से क्यों नहीं निकाल रहे हैं.


बता दें कि चीन के वुहान से शुरु हुआ Coronavirus से इस वक्त कई मुमालिक मतास्सिर हैं और लगभग सभी मुमालिक अपने-अपने शहरियों को वहां से निकाले रहा हैं जिसमें हिंदुस्तान ने भी अपने सैंकड़ो शहरियों को चीन से हिंदुस्तान बुला लिया हैं. लेकिन पाकिस्तान अपने शहरियों की परवाह किए बग़ैर चीन से अपना दोस्ताना निभा रहा है. 



पाकिस्तान के इस कदम से वहां के शहरी परेशान थे और इमरान ख़ान को हिंदुस्तान से सबक़ लेने की सलाह भी दी थी. वुहान में फंसे पाकिस्तानी तलबा ने वीडियो जारी कर अपनी हुकूमत का खरी-खरी सुनाई है. तलबा ने हिंदुस्तानियों के वुहान से निकाले जाने का वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि जल्द ही बांग्लादेश भी अपने लोगों को चीन से निकाल लेगा. इसके बाद सिर्फ़ हम पाकिस्तानी ही यहां फंसे रह जाएंगे, क्योंकि हमारी हुकूमत का कहना है कि चाहे तुम मरो या जियो, मुतास्सिर हों सही सलामत हों, हम तुम्हें चीन से नहीं निकालेंगे. पाकिस्तानी हुकूमत को शर्म आनी चाहिए. उसे भारत से कुछ सीखना चाहिए.


एक दीगर वीडियो में पाकिस्तानी तलबा कहते हुए दिखाई दे रहे थे कि हमें पाकिस्तानी एंबेसी से राब्ता करने पर ऐसा जबाव मिला कि हम हैरान रह गए एंबेसी ने कहा था कि "ज़िंदगी मौत अल्लाह के हाथ में है यहां आनी है या वहां आनी है "