पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर कतर में भारतीय राजदूत को किया गया तलब
Qatar Foreign Ministry summons Indian envoy: भारतीय दूतावास ने कतर सरकार को बताया है कि ऐसे अपमानजनक ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है.
दोहाः पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ भाजपा नेता नवीन जिंदल (Naveen Jindal) और नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) की विवादास्पद टिप्पणी (ontroversial remarks) की आंच अरब (Arab Countries) देशों तक पहुंच गई है. यहां तक कि अरब में कतर के विदेश मंत्रालय ने इतवार को कहा कि उसने यहां भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया है और इस मसले पर एक आधिकारिक पत्र उन्हें सौंपा है. खास बात यह है कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Vice President M. Venkaiah Naidu) भी इस वक्त कतर के दौरे पर हैं.
यहां भारतीय दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि राजदूत ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की जिसमें भारत में कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंता व्यक्त की गई थी. प्रवक्ता ने कहा, “राजदूत ने बताया कि ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं.
सार्वजनिक माफी चाहता है कतर
इससे पहले, राज्य के विदेश राज्य मंत्री सोल्टन बिन साद अल-मुरैखी ने भारत गणराज्य के राजदूत को नोट सौंपा था.
इसने भारत में सत्तारूढ़ दल द्वारा जारी बयान का स्वागत किया जिसमें उसने पार्टी के नेता को निलंबित करने की घोषणा की और कहा कि कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद कर रहा है. भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने यहां कहा कि अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है.“
शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू वर्तमान में कतर का दौरा कर रहे हैं और इतवार को उन्होंने कतर के प्रधान मंत्री और गृह मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुलअजीज अल सानी से यहां मुलाकात की. दोनों पक्षों ने ऐसे कृत्यों को भारत-कतर संबंधों के खिलाफ बताया. अधिकारियों ने कहा कि इन अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग करके जो लोगों को उकसा रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों को ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए जो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में खटास पैदा करना चाहते हैं.
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