नई दिल्ली: ईरान के राजदूत इराज इलाही ने शुक्रवार को नई दिल्ली में ईरानी दूतावास में एक भाषण के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों पर जोर दिया. वह ईरानी क्रांति की 44वीं वर्षगांठ पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे और चाबहार बंदरगाह के "गोल्डन गेटवे" का खास जिक्र कर रहे थे.  इलाही ने कहा, "चाबहार बंदरगाह को हिंद महासागर से लगे देशों को मध्य एशिया और काकेशस से जोड़ने वाला गोल्डन गेटवे माना जाता है.


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ईरान में चाबहार बंदरगाह पश्चिमी दिशा में भारत की कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण है और इसका उपयोग पहले अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए किया जाता था. भारत चाबहार में शहीद बेहेश्टी बंदरगाह के पहले चरण का विकास कर रहा है और बंदरगाह को छह मोबाइल हार्बर क्रेन मुहैया कराए गए हैं. दिसंबर 2018 में इसके उद्घाटन के बाद से, बंदरगाह को रूस, ब्राजील, जर्मनी, बांग्लादेश, थाईलैंड, रोमानिया, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों से कार्गो हासिल हुआ है.


इलाही ने कहा, "हालांकि बाहरी दबावों ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में दिक्कतें पैदा की हैं, लेकिन हम मानते हैं कि भारत की स्ट्रेटेजिक एटॉनमी अभी भी इस सहयोग को जारी रखने के लिए सबसे बड़ा समर्थन है." ईरान भारत को तेल निर्यात करने के लिए उत्सुक है, लेकिन तेहरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने बाधित कर रखा है. 


भारतीय शिपिंग मिनिस्टर सर्बानंद सोनोवाल इस प्रोग्राम में मौजूद थे और उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों के लिए समर्थन व्यक्त किया.


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